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Desi Ghee- देसी घी के फायदे व स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद


Desi Ghee  स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है। देसी घी धरती पर पाए जाने वाले सबसे शुद्ध और स्वस्थ खाद्य पदार्थों में से एक है। अधिकतर लोग देसी घी के बारे में बोलते हैं कि यह ह्रदय के लिए नुकसानदायक होता है। इसे खाने से मोटापा बढ़ता है परन्तु ऐसा नहीं है। यदि हम इसका सही मात्रा में नियमित सेवन करते हैं तो यह ह्रदय के साथ सम्पूर्ण स्वास्थ्य को लाभ पहुँचाता है। देसी घी को किसी भी प्रकार के दूध से तैयार किया जा सकता है। लेकिन आयुर्वेद में गाय के दूध से बने देसी घी को ही सर्वोत्तम माना जाता है।

गाय का शुद्ध देसी घी_ Cow's Desi Ghee

गाय का शुद्ध देसी घी

Desi Ghee – वैज्ञानिक शोध (Scientific Research) :

आधुनिक शोधकर्ताओं ने भी शुद्ध देसी घी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने विचार प्रकट किए हैं–

  • शुद्ध देसी घी में एंटी ऑक्सीडेंट अर्थात ऑक्सीकरण रोकने वाले तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये भोजन में से विटामिनों व खनिजों के अवशोषण का काम करते है। जिसके फलस्वरूप प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करता है।
  • अध्ययनों से पता चला है कि शुद्ध देसी घी कोलेस्ट्रॉल कि मात्रा को भी कम करता है।
  • शुद्ध देसी घी वनस्पति तेलों के जैसे खतरनाक रेडिकल नहीं बनता है क्योंकि यह भोजन पकाते समय आसानी से नहीं जलता है।
  • अन्य फैट पाचन को धीमा कर देते हैं और पेट को भारी कर देते हैं।
  • शुद्ध देसी घी आमाशय में पाचन रसों का स्राव भी बढ़ाता है। जिससे पाचन भी मजबूत होता है।

Desi Ghee Importance and Effect (आयुर्वेद में देसी घी का महत्व एवं तासीर)

तासीर :

शुद्ध देसी घी की तासीर ठंडी, हल्की, मृदु और मुलायम होती है। इसके स्वाद को मीठा कहा गया है।

महत्व : 

इसको गर्म, शुष्क, भारी, कड़वी अर्थात विपरीत गुणों वाली जड़ी-बूटियों के साथ भी लिया जा सकता है। शुद्ध देसी घी इन औषधियों के गुणों को ग्रहण कर लेता है और इनकी शक्ति को बढ़ा देता है। घी के द्वारा बनायीं गयी कुछ आयुर्वेदिक औषधियां हैं जैसे– त्रिफला घृत जो कि नेत्र रोग के लिए, पंचतिक्त घृत जो त्वचा रोग एवं बवासीर के लिए, धन्वन्तरी घृत मधुमेह के रोगियों के लिए इत्यादि।

Benefits Of Desi Ghee( देसी घी के फायदे )

आयुर्वेद में ऐसा माना जाता है कि शुद्ध देसी घी आयु बढ़ाता है। इसके साथ विभिन्न रोगों से भी हमारी रक्षा करता है। इसलिए घी को नित्य रसायन कहा गया है। यह शरीर को नई शक्ति प्रदान करता है। अतः हमें निश्चित एवं संतुलित मात्रा में इसका रोज़ सेवन करना चाहिए।

देसी घी देता है पाचन में लाभ( Improve Digestion) 

यह जठराग्नि को तेज एवं बढ़ा देता है। इसके अलावा शरीर के पाचन तंत्र को मजबूत बना देता है। विटामिन A , D, E और K वसा में घुलनशील विटामिन है। शुद्ध देसी घी के सेवन से इन विटामिन्स का अवशोषण आसानी से हो पाता है।

देसी घी बढ़ाता है प्रतिरोधक क्षमता (Boost Immunity) 

हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इसके सेवन से बढ़ती है। इसमें एक महत्वपूर्ण तत्व ब्यूटेरिक एसिड पाया जाता है। यह टी सेल्स के उत्पादन में सहायक होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अति आवश्यक है। इसके अलावा विटामिन A, भी इसमें पाया जाता है जो कि एंटी ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है।

देसी घी बढ़ाता है स्मरण शक्ति ( Increase Memory Power)

यह हमारे मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र प्रणाली के लिए भी बहुत लाभकारी है। स्मरण शक्ति बढ़ाने के साथ यह हमारी एकाग्रता, ग्रहण करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। यह एक तरह से ब्रेन टॉनिक का काम करता है।

देसी घी बढ़ाता है आँखों की रोशनी (Increase Eyesight)                         

इसमें विटामिन A पाया जाता है। जो आँखों की रोशिनी बढ़ाने एवं दृष्टि सुधारने के लिए अत्यंत आवश्यक है। आयुर्वेद में आँखों की रोशिनी बढ़ाने के लिए त्रिफला घृत दिया जाता है। जिसे शुद्ध देसी घी में ही बनाया जाता है।

देसी घी लाभ देता है गठिया में (Benefical for arthritis)

जोड़ो एवं हड्डियों के लिए देसी घी का उचित मात्रा में सेवन करना बहुत जरूरी है। यह शरीर में उपस्थित वात को संतुलित करता है। इसके साथ ऊतकों को दृढ़ता प्रदान करता है। देसी घी से जोड़ो पर मालिश करने से भी लाभ मिलता है। शुद्ध देसी घी विटामिन K , का अच्छा स्रोत माना जाता है। मुख्य रूप से विटामिन K2 , जो कैल्शियम व अन्य खनिजों का भलीभांति उपयोग करने में शरीर की मदद करता है। नए शोध में यह पाया गया है कि यह विटामिन हड्डियों एवं दातों को मजबूत बनाने में ज्यादा लाभदायक है।

देसी घी कम करता है कोलेस्ट्रॉल ( Lowers Cholesterol ) 

उचित मात्रा में यदि इसका सेवन किया जाए तो यह शरीर के कोलेस्ट्रॉल को भी ठीक एवं नियंत्रण में रखता है। बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की वजह से उच्च रक्तचाप और ह्रदय रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसमें पाया जाने वाला Conjugated Linolenic Acid धमनियों में रक्त जमने नहीं देता है। इसके अलावा एंटी ऑक्सीडेंट का भी गुण होता है। यह HDL  के स्तर को खून में बढ़ाता है जो कि ह्रदय के लिए अच्छा माना जाता है। साथ में LDL के स्तर को कम करता है।

देसी घी त्वचा और बालों के लिए उपयोगी (Beneficial for Hair and Skin)

जिन लोगों की त्वचा रूखी (dry) होती है उन्हें अवश्य ही इसका सेवन (प्रतिदिन 1 टेबल स्पून ) करना चाहिए। इससे त्वचा कोमल बनी रहती है। इसके अलावा त्वचा पर लगाने से भी रूखापन, सूजन या फिर खुजली, लालिमा आदि समस्याएं ठीक हो जाती हैं।

बालों में यदि इसकी मसाज की जाये तो रूखापन तो दूर होता ही है साथ में जड़े भी मजबूत होती हैं। यह बालों को मॉइश्चराइज़ भी करता है।

देसी घी त्रिदोषों में लाभदायक (Beneficial in Tridoshas )

गाय का घी वात और पित्त को संतुलित करता है और कफ को ठीक करने के लिए भी अच्छा है। यह पेट की गर्मी को भी शांत करता है।

शुद्ध देसी घी_ SHUDH DESI GHEE

शुद्ध देसी घी

Which one is Better Cow Or Buffalo Milk (गाय और भैंस के घी में कौन सर्वोत्तम)  

गाय का घी भैंस की अपेक्षा सर्वोत्तम माना जाता है। इसमें फैट की मात्रा कम होती है जिसकी वजह से यह वजन घटाने में लाभकारी है। परन्तु गाय के घी को ज्यादा लम्बे समय तक नहीं रखा जा सकता है। विटामिन A , की मात्रा अधिक होने के कारण यह पीले रंग का होता है सभी आयुर्वेदिक दवाइयां गाय के घी में ही बनायीं जाती है। इसका मुख्य कारण यह एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल तथा एंटी ऑक्सीडेंट्स युक्त होता है।

जबकि भैंस के घी में फैट की मात्रा अधिक होती है। जिसकी वजह से यह वजन बढ़ाने में लाभकारी होता है। भैंस के घी को, गाय के घी की तुलना में अधिक समय तक रखा जा सकता है। इसका रंग भी सफ़ेद होता है।

Disadvantages (देसी घी के नुकसान) 

हर चीज़ के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। यदि घी का सेवन अधिकता में किया जायेगा तो यह फायदे की जगह नुकसान करेगा। 

  • यदि आपको सर्दी और कफ की परेशानी हो रही है तो इसका सेवन कुछ समय के लिए बंद कर देना चाहिए।
  • प्रतिदिन 1 टेबल स्पून ही शुद्ध देसी घी का सेवन करने से लाभ मिलता है। क्योंकि इसके ज्यादा सेवन से मोटापा या अन्य रोग होना भी संभव है। इसके साथ इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप प्रतिदिन कितना फिजिकल वर्क कर रहे हैं।
  • कुछ रोग जैसे लिवर सम्बंधित रोग, जॉन्डिस ( पीलिया ), पेट संबंधित रोग आदि में भी देसी घी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • अपच की स्थिति में भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए वरना पाचन क्रिया और बिगड़ सकती है।

How to Consume (देसी घी का सेवन किस रूप में करें) 

  • इसका सेवन बहुत तरीके से किया जा सकता है जैसे– दाल या सब्ज़ी में डालकर, सूप में डालकर अथवा रोटी में लगाकर भी लिया जा सकता है।
  • इसके अलावा दलिया, खिचड़ी आदि में डालकर भी खा सकते हैं।
  • बहुत से लोग शुद्ध देसी घी के लड्डू, हलवा पंजीरी आदि भी बनाते हैं।            

इस प्रकार शुद्ध देसी घी से आप अपनी सेहत बना सकते हैं। लेकिन उचित मात्रा में और परामर्श लेकर यदि इसका सेवन किया जाए तो ज्यादा श्रेष्ठ रहेगा।           

           

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


Kavita Singh

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