Varicose Veins In Hindi – कारण, बचाव, घरेलू उपाय, योग
आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हमारी जीवनशैली और कार्य प्रणाली काफी बदल गयी है। इसके परिणामस्वरूप बहुत सी बीमारियाँ जन्म ले चुकी हैं। इनमे से एक है Varicose Veins । आइए जानते हैं Varicose Veins – कारण, बचाव, घरेलू उपाय व योग के बारे में।
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| वैरिकोस वेन्स — ( VARICOSE VEINS ) |
Varicose Veins क्या है ?
आयुर्वेद में वैरिकोस वेन्स को सिराज ग्रंथि (SIRAJA GRANTHI ) कहते हैं। इस बीमारी में ब्लड वेन्स बढ़ जाती हैं और फूल कर मोटी व टेढ़ी मेढ़ी हो जाती हैं। प्रायः यह वेन्स त्वचा के नीचे उभरती हुई नीली व बैंगनी रंग की दिखती हैं। सूजी और मुढ़ी हुई नसों को स्पाइडर वेन्स कहा जाता है। ज्यादातर यह नसें पैरो और पंजों में होती है क्योंकि जब हम खड़े होते हैं तो हमारे शरीर का सारा भर पैरों पर पड़ता है और इससे पैरों की नसों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। वेन्स पैरों से खून ह्रदय की ओर ले जाती हैं। इस कार्य को करने के लिए वेन्स के अंदर वाल्व होते हैं। लेकिन जब यह वाल्व कमज़ोर हो जाते हैं या जहाँ नहीं होते हैं, वहाँ पर रक्त का परिसंचरण ठीक नहीं हो पाता है। ज्यादातर यह समस्या महिलाओं में देखने को मिलती है।
Varicose Veins Identification (क्या पहचान है वैरिकोस वेन्स की)
यह अधिकतर पैरो में देखने को मिलती है। इसमें पैरों की नसें बैंगनी या गहरे नीले रंग की दिखती हैं। यह आकार में मोटी फूली हुई रस्सी की तरह या केचुआनुमा जैसी लगती है। इसके परिणाम स्वरुप पैरों में दर्द, सूजन, बेचैनी, खुजली, भारीपन, थकान जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
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| वैरिकोस वेन्स — ( VARICOSE VEINS ) |
Cause Of Varicose Veins (क्या वज़ह है वैरिकोस वेन्स की)
उम्र भी एक कारण है — जब हमारी उम्र बढ़ती है तब नसों के वाल्व ख़राब हो जाते हैं और यह समस्या प्रारम्भ हो जाती है। अधिकतर यह महिलाओं में देखी जाती है। गर्भावस्था व हार्मोन्स का परिवर्तन भी एक कारण है वैरिकोस वेन्स का। इसके अतिरिक्त मोटापा और ज्यादा समय तक एक ही अवस्था में रहने से रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है। इसके अलावा यदि आपके परिवार में वैरिकोस वेन्स है तो फिर संभावना और प्रबल हो जाती है कि आप भी इस बिमारी से ग्रस्त हो सकते हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। इससे बचने के उपाय हैं। बस जरूरत है कि आपको अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव करना होगा।
Prevention Of Varicose Veins (क्या बचाव है वैरिकोस वेन्स के)
सबसे महत्वपूर्ण इसमें यही है कि हम अपने दैनिक जीवन में व्यायाम को शामिल करें। जिससे हमारा वज़न बढ़ने न पाए। एक ही अवस्था में ज्यादा देर तक बैठने या खड़े रहने से बचें। पैरो में ऊँची हील के जूते पहनने से बचाव करें। सोते समय पैरों के स्तर को थोड़ा उठा कर सोएं, इसके लिए आप पैरों के नीचे तकिये का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिससे रक्त का संचार ठीक से हो पाए।
Food Useful In Varicose Veins (क्या खाना उपयोगी है वैरिकोस वेन्स में)
फल व कच्ची सब्ज़ियाँ, हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। रसीले फल भी लाभदायक होते हैं। इसमें विटामिन सी होता है जैसे –निम्बू, संतरा आदि। विटामिन ए वाले पदार्थ जैसे — गाजर, पपीते का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा विटामिन बी युक्त आहार जैसे –दालें, छाछ, लस्सी, अनाज आदि। पर्याप्त पानी लगभग 8 -9 गिलास का सेवन करना चाहिए। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि नमक का सेवन कम करें और हमारा भोजन फाइबर युक्त होना चाहिए। जंक फूड का सेवन नहीं करना चाहिए।
Home Remedies Of Varicose Veins (क्या हैं घरेलू उपाय वैरिकोस वेन्स के)
- जैतून के तेल से मालिश करने से इस समस्या में लाभ मिलता है। इससे दर्द और रक्त के परिसंचरण में मदद मिलती है।
- सेब के सिरके (APPLE CIDER VINEGAR) की मसाज से भी लाभ मिलता है। आप इसे 1 गिलास पानी में 2 चम्मच डाल कर पीना भी लाभप्रद है।
- जहाँ वैरीकोस वेन्स हैं उस हिस्से पर लहसुन के तेल से मालिश करने से भी लाभ मिलता है।
- गरम पानी में अजवाइन पकाकर इस पानी में कुछ बूंदे नारियल या जैतून का तेल मिलाकर उस स्थान पर मालिश कर सकते हैं।
- इसके अलावा लहसुन, जैतून का तेल व संतरे का रस इन तीनों चीज़ों को मिलाकर 12 घंटे के लिए छोड़ दें। तत्पश्चात इसकी मालिश करने से भी राहत मिलती है।
- अजवाइन की हरी पत्तियों को पानी में उबालकर उसे ठंडा करके, उसमे गुलाब जल की कुछ बूंदे तथा नारियल तेल की कुछ बूंदे मिलाकर लगाना भी फायदेमंद होता है।
- गेंदे की पंखुड़ियों को पानी में उबालकर, ठंडा करके भी उस स्थान पर लगाया जा सकता है।
- तेजपत्ता (BAY LEAF) में एंटीइंफ्लेमटरी तत्व पाए जाते हैं। यह हमारे इम्यून सिस्टम को ताकत देता है।इस प्रकार यह वैरिकोस वेन्स की सूजन व दर्द को भी दूर करने में मदद करता है। इसके लिए तेजपत्ते की पत्तियों को पीसकर पल्प बना लें, फिर इसको जैतून के तेल में डालकर 2 हफ्तों के लिए छोड़ दें । आप इस मिश्रण को काँच की बोतल में ही बनाये। तत्पश्चात इस तेल का इस्तेमाल करें।
Pranayama and Yoga (प्राणायाम और योग द्वारा वैरिकोस वेन्स का इलाज)
वैरीकोस वेन्स का इलाज संभव है। एलोपैथी में ऑपरेशन द्वारा व अन्य नई तकनीक जैसे –लेज़र द्वारा भी इसका इलाज होता है। आप प्राणायाम और योग द्वारा भी इसको ठीक कर सकते हैं।
प्राणायाम —
इसमे कपालभाति और अनुलोम विलोम प्राणायाम सबसे ज्यादा कारगर सिद्ध हुए हैं। 20 मिनट से शुरू करते हुए यदि 30 मिनट तक प्रतिदिन करेंगे तो निश्चित रूप से लाभ होता है।
योग —
विभिन्न आसनों द्वारा भी इस समस्या को ठीक कर सकते हैं जैसे —
- सर्वांगासन (Shoulder Stand )
- विपरीतकरनी (Legs Up The Wall )
- नौकासन (Boat Pose )
इन उपरोक्त आसनों में पैरों को उठाने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है।
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पादहस्तासन ( Hand To Foot Pose )
यह आसन शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखता है। मुख्यतौर से इस आसन को करने से पैर व जांघों पर अच्छा खिंचाव पड़ता है। इसे नियमित करने से पैरों का दर्द ख़त्म हो जाता है।
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लेट कर पैरों से साईकिल चलाना —
इसके द्वारा भी पैरों को निरंतर साईकिल की तरह चलाने से पैर की नसों में ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है।
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साईकिल चलाना —
रोज़ाना 1 घंटा साइकिल चलाना भी लाभप्रद होता है। इस प्रक्रिया में स्टेशनरी साईकिल द्वारा भी घर पर रहकर चलाई जा सकती है।
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पैर घुमाना —
लेट कर क्लॉक वाइज या एंटी क्लॉक वाइज पैर घुमाने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है।
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पैरों का जोड़ना —
इसे बैठ कर या लेटकर किया जा सकता है।
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अँगूठे को लचकाना —
बिस्तर पर सीधे बैठकर, पैरों को फैलाकर, पैरों के अँगूठे को आगे पीछे लचकाएँ।
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पैर के पंजों पर चलना —
इसके द्वारा पैर की माँस पेशियों पर खिंचाव पड़ता है और ऐंठन भी ठीक होती है।
Conclusion (निष्कर्ष)–
इन प्राणायाम, योग व एक्सरसाइज द्वारा आप इस Varicose Veins की बीमारी में लाभ पा सकते हैं। इसके अलावा फल व सब्जियों का अधिक सेवन करने से भी लाभ मिलेगा। बाहर का जंक फूड खाने से बचें क्योंकि इसमें ट्रांस फैट होता है।
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