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Galtaji Temple अरावली पहाड़ियों में स्थित ऐतिहासिक तीर्थ स्थल


जयपुर से लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित Galtaji Temple अरावली पहाड़ियों में स्थित एक ऐतिहासिक तीर्थ स्थल माना जाता है। यह पूर्वी अरावली की पहाड़ियों में स्थित है। यहाँ अनेक मंदिर एवं कुंड बने हुए हैं। इसके अलावा यहाँ पवित्र कुंड भी है जो सदैव जल से भरा रहता है। चारो तरफ पहाड़ियों से घिरा मंदिर, यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। यह मंदिर खूबसूरत घाटों से घिरा है। यहाँ सैकड़ो हज़ारों की संख्या में बंदर रहते हैं। इसी कारण गलताजी मंदिर को मंकी टेम्पल के नाम से भी जाना जाता है। गलताजी के मंदिर की वास्तुकला एक उत्कृष्ट नमूना है। यह मंदिर किसी महल से कम नहीं लगता है।

Galtaji Temple

गलताजी मंदिर

History Of Galta ji Temple (गलताजी मंदिर का इतिहास) 

गलताजी मंदिर का निर्माण 18 वीं शताब्दी में सवाई राजा जय सिंह द्वितीय के दरबारी, दीवान राव कृपाराम ने करवाया था। इस मंदिर का निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थरों से करवाया गया था।

ऐसा पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि ऋषि गालव ने यहाँ कई सौं वर्षों तक तपस्या की थी। उनकी तपस्या के फलस्वरूप ही भगवान ने उन्हें वरदान दिया। जिससे यह स्थान पवित्र जल से भर गया, जो आज तक विद्यमान है। इस जल का आज तक पता नहीं चल पाया कि इसका मुख्य स्रोत क्या है।

ऐसी एक कथा प्रचलित है कि गालव ऋषि, गंगा जी के दर्शन नियमित रूप से करते थे। लेकिन एक बार वह बीमार पड़ गए और गंगा जी के दर्शन करने नहीं जा पाए। इस बात का पता जब गंगाजी को चला तो वह स्वयं प्रकट हो गयी और वही प्रवाहित होने लगी। तब से आज तक ऐसा मानते हैं कि यह गंगा जी का जल ही है।      

Architecture (गलताजी मंदिर की वास्तुकला) 

गलताजी का मंदिर किसी महल से कम नहीं लगता है। अरावली की पहाड़ियों के बीच इसका निर्माण बहुत ही सुन्दर तरीके से कारीगरों द्वारा कराया गया है। मंदिर की छत, खम्भों एवं दीवारों पर सुन्दर नक्काशी करी गयी है। इसके अतिरिक्त यहाँ आठ पवित्र कुंड हैं। जिसमे सबसे प्रमुख गलताजी का कुंड है। गलताजी के इस कुंड में संगमरमर का बना हुआ गौमुख झरना लगातार गिरता रहता है। जिससे गिरने वाली जलधारा का पता आज तक नहीं लग पाया है। ऐसा माना जाता है कि गंगा जी यहाँ प्रकट हुई थी। तब से यह निरंतर बह रहा है। 

Galtaji Temple _ Pavitr Kund

गलताजी मंदिर ( पवित्र कुंड )

Galtaji Temple के प्रमुख मंदिर 

यहाँ अनेक छोटे-बड़े मंदिर हैं। भगवान कृष्ण, भगवान राम, भोलेनाथ जी, हनुमान जी एवं गणेशजी के मंदिर आदि हैं। पहाड़ियों के सर्वोच्च शिखर पर सूर्य मंदिर भी है। यह बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। इसमें भगवान सूर्य देव की स्वर्ण प्रतिमा है। हर वर्ष सूर्य सप्तमी के दिन यहाँ मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमे भगवान सूर्य देव की स्वर्ण मूर्ति को चाँदी के रथ पर बैठाकर शोभा यात्रा निकाली जाती है। यह मंदिर ऐसी स्थिति में बना हुआ है कि जयपुर शहर से देखने पर ऐसा लगता है कि प्रातः काल सूर्य इसी मंदिर से निकल रहा है। इसके अलावा यहाँ शिव जी और हनुमान जी का मंदिर भी प्रमुख है।

Galtaji Temple के प्रमुख आयोजन          

यहाँ पर सूर्य सप्तमी, रामनवमी, निर्जला एकादिशी एवं जल जूलनि एकादिशी के दिन बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा श्रावण मास में भी यहाँ मेला लगता है। इन आयोजनों में सम्मलित होने के लिए बहुत बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण और जो भी स्नान दान के पर्व हैं, उन सभी में बहुत अधिक संख्या में भीड़ रहती है।

Galtaji Temple _Arawali Hills

गलताजी मंदिर ( अरावली पहाड़ियां )

Best Time To Visit Galtaji Temple (गलता जी मंदिर जाने का उचित समय)   

यदि आप गलताजी मंदिर जाने का सोच रहे हैं, तो सबसे उपर्युक्त समय जनवरी के मध्य से मार्च के महीने तक और फिर अक्टूबर एवं नवम्बर का महीना सही होता है। क्योंकि इस समय गर्मी न के बराबर होती है और मौसम भी सुहावना रहता है। जो आपकी यात्रा को सुखद बना देगा।

Galtaji Temple Opening Hours and Fees (गलताजी मंदिर खुलने का समय एवं शुल्क) 

गलताजी का मंदिर प्रतिदिन खुलता है। आप सप्ताह के सातों दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त होने तक कभी भी जा सकते हैं। सूर्यास्त के बाद यहाँ अनुमति नहीं होती है। यहाँ आने का कोई शुल्क नहीं लगता है। 

Places To Visit Near The Temple (गलताजी मंदिर के निकट दर्शनीय स्थल) 

गलताजी मंदिर के आस पास अनेक मंदिर हैं, जिनके दर्शन करे जा सकते हैं। इसके अलावा सिसोदिया रानी का बाग़ है जो देखने योग्य है। जयपुर आने के पश्चात अन्य पर्यटन स्थल भी हैं, जहाँ घूमा जा सकता है। इनमे सिटी पैलेस, जंतर मंतर, हवा महल, गणेश जी का मोती डूंगरी मंदिर, बिड़ला मंदिर, नाहरगढ़ एवं जयगढ़ किला, अम्बर किला, जल महल तथा अल्बर्ट हॉल इत्यादि।

Galtaji Temple पहुँचने का मार्ग                 

हवाई मार्ग द्वारा :

हवाई मार्ग द्वारा गलताजी मंदिर पहुँचने के लिए सर्वप्रथम जयपुर आना होगा। यहाँ पर निकटतम हवाई अड्डा सांगनेर है। फिर यहाँ से टैक्सी द्वारा गलताजी मंदिर तक आसानी से जाया जा सकता है।

रेल मार्ग द्वारा :

रेल मार्ग द्वारा गलताजी मंदिर पहुँचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन बैस गोडाम है। यहाँ आने के पश्चात टैक्सी द्वारा मंदिर जा सकते हैं।

सड़क मार्ग द्वारा :

सड़क मार्ग द्वारा गलताजी आसानी से डीलक्स कोच लग्जरी बसों या फिर प्राइवेट टैक्सी बुक करके भी जा सकते हैं। 

Galtaji Temple

गलताजी मंदिर

 

Natural Beauty And Fauna Of Galtaji Temple (गलताजी मंदिर का प्राकृतिक सौंदर्य एवं जीव-जंतु) 

गलताजी मंदिर के चारो तरफ प्रकृति अपनी अनुपम छटा बिखेर रही है। पहाड़ियों से घिरा, जहाँ देखो हरियाली, पेड़-पौधे इस स्थान की शोभा और बड़ा देते हैं। यहाँ आपको विभिन्न प्रकार के पक्षी देखने को मिल जाएंगे। इनकी चहचहाट से सारा वातावरण सुरमयी हो जाता है। इसके अलावा बंदरों की संख्या यहाँ बहुत अधिक है। यह पानी के कुंड में अठखेलियां करते हुए मिल जाएंगे। आपको अपने सामान और चीजों का ध्यान इन बंदरों से रखना पड़ेगा। बहुत से लोग इन बंदरों के लिए खाने का सामान अपने साथ ले जाते हैं। इसके अलावा यहाँ चीता आदि हिंसक पशु भी रात्रि में अक्सर देखे जाते हैं। इसी कारण रात्रि के समय यहाँ पर्यटकों को रुकने की मनाई है।

Conclusion( निष्कर्ष )     

कुल मिलकर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि घूमने की दृष्टि एवं तीर्थ स्थल दोनों रूप से यह स्थान सर्वश्रेष्ठ है। यदि आप जयपुर जाए तो Galtaji Temple के दर्शन अवश्य करें। यदि आप जब मेलों का आयोजन होता है, उस समय जाते है तो और अधिक आनंद उठा सकते हैं।                            

  

 

 

 

 


Kavita Singh

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