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Chitkul – हिमाचल प्रदेश का छुपा हुआ सुन्दर पर्यटन स्थल


यदि आप घूमने के लिए किसी ऐसी जगह की तलाश कर रहे हैं जो प्राकृतिक नज़ारों से भरपूर, शांत वातावरण, गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में बर्फ से ढका हुआ हो, जहाँ लोगों की भीड़ न हो तो आपको Chitkul – हिमाचल प्रदेश का छुपा हुआ सुन्दर पर्यटन स्थल यहाँ जाना चाहिए। अभी यह स्थान पर्यटकों की नज़रों से छुपा हुआ है। परन्तु जल्दी ही यह पर्यटकों को अपनी सुंदरता से आकर्षित करेगा।

Chitkul Last Village Of India

चितकुल

 

Geographical Location Of Chitkul – कहाँ स्थित है

Chitkul हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में, भारत तिब्बत सीमा के पास बसपा घाटी में, बसपा नदी के दाहिने किनारे स्थित एक छोटा सा गांव है। यह भारत का अंतिम गाँव कहा जाता है।

यह समुद्र तल से 11, 320 फ़ीट (3,450 m) की ऊंचाई पर स्थित है। जो कि बसपा घाटी का सबसे ऊँचा गाँव कहा जाता है।

चितकुल सांगला से 28 किमी तथा उत्तराखंड से सिर्फ 20 किमी की दूरी पर स्थित है।

भोगौलिक दृष्टि से देखें तो यह स्थान उत्तर दिशा में स्पीति घाटी, दक्षिण में गढ़वाल, पूर्व में तिब्बत और पश्चिम में कुल्लू  से घिरा हुआ है। 

Chitkul Is Famous For – चितकुल क्यों प्रसिद्ध है         

चितकुल प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है। यहाँ आपको जहाँ ऊँचे पहाड़, बसपा नदी, हरे भरे जंगल जो कि विभिन्न वन्य जीवों का घर हैं। यही नहीं आर्किड, हरे भरे बागान, सेब के बगीचे, शांत वातावरण और शुद्ध ताज़ी हवा आपका मन मोह लेगी।

इसके अलावा यहाँ से आपको किन्नर कैलाश के दर्शन बड़ी सरलता से हो जाएंगे।

चितकुल में आप बहुत सी रोमांचक गतिविधयां कर सकते हैं जैसे कैंपिंग, ट्रैकिंग, स्टार गेजिंग आदि।

चितकुल आखिरी गांव के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि भारत- तिब्बत सीमा इस गांव से मात्र 90 किमी की दूरी पर है। चितकुल से आगे जाने की अनुमति नहीं है यही कारण है कि Chitkul last village of India कहा जाता है।

Rain bow in Chitkul

चितकुल में इंद्रधनुष

Climate Of Chitkul  – चितकुल का मौसम 

चितकुल वर्ष भर ठंडा रहता है। गर्मियों में भी अधिकतम तापमान 18 डिग्री से 20 डिग्री और न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से 7 डिग्री तक रहता है। 

September to November : चितकुल में सितम्बर महीने से ही सर्दियाँ शुरू हो जाती हैं। इन महीनों में अधिकतम तापमान 3 डिग्री से न्यूनतम तापमान -15 डिग्री तक हो जाता है। यदि आपको बर्फ( snow fall) का आनंद लेना है तो यह समय उत्तम रहेगा।

December to February : इस समय चितकुल पूरी तरह से बर्फ से ढका रहता है। चारों तरफ बर्फ जमने से रास्ते बंद हो जाते हैं। अधिकतम तापमान -2 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान -21 डिग्री तक पहुँच जाता है। 

March to June : यह सबसे उत्तम समय है Chitkul घूमने का। इस समय यहाँ का अधिकतम तापमान 18 डिग्री और न्यूनतम तापमान 2-5 डिग्री तक बना रहता है। 

July to August : इस समय यहाँ बारिश का मौसम रहता है और अधिकतम तापमान 19-20 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 5-7 डिग्री तक रहता है।  

Best Time To Visit Chitkul —

April to June and September to October 

Various Tourist Spots Near Chitkul – चितकुल के पास अन्य पर्यटन स्थल  

Mathi Devi Temple -- Chitkul

माथी देवी मंदिर

Mathi Devi Temple – ( माथी देवी मंदिर )

चितकुल में स्थानीय देवी, माथी देवी का मंदिर यहाँ का प्रसिद्ध मंदिर है। इस क्षेत्र के तीन गाँव माथी देवी को समर्पित हैं। यही नहीं इसके अलावा यहाँ शिव मंदिर और बौद्ध मंदिर भी है। यह सभी मंदिर पहाड़ी वास्तुकला पर आधारित है। इनमे से माथी देवी का मंदिर सबसे प्राचीन लगभग 500-600 वर्ष पुराना है। इन मंदिरों को अब नवीन रूप दे दिया गया है। माथी देवी मंदिर का परिसर अति आकर्षक और उत्कृष्ट पहाड़ी शैली में बनाया गया है। इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि मंदिर का प्राचीन स्वरुप बरक़रार रहे। 

Chitkul_ Sangla Valley

सांगला घाटी

Sangla Meadow – ( सांगला मेदो)

इसे सांगला कांडा के नाम से भी पुकारते हैं। यह हरे-भरे घास के मैदान में कीचड़ के धब्बे और हिमालय पर्वत की बर्फ से ढकी श्रृंखला को दिखाते हैं। यदि आप चितकुल आ रहे हैं तो सांगला मेदो अवश्य घूमे। यहाँ हरे भरे घास के मैदान, नदी और पहाड़ों के बीच असीम शांति का अनुभव करेंगे। इस स्थान का सौंदर्य पर्यटकों का मन मोह लेता है। 

Bering Nag Temple – ( बेरिंग नाग मंदिर )   

यह मंदिर हिन्दुओं का प्रसिद्ध मंदिर है जो भगवान जगस ( शिव जी ) को समर्पित है। यदि आप चितकुल आ रहे हैं तो इस मंदिर के दर्शन अवश्य करें। इस मंदिर के चारों ओर का परिदृश्य और मंदिर की वास्तुकला आपका मन मोह लेगी। यह सांगल घाटी का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। अगस्त और सितम्बर के महीने में यहाँ फुलैच मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमे दूर दूर से लोग शामिल होने के लिए आते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि भगवान जगस उनकी रक्षा करते हैं।

Kalpa

काल्पा

Kalpa – ( कल्पा ) 

चितकुल की भांति कल्पा भी किन्नौर जिले का प्रमुख व दर्शनीय गांव है। यह छोटा सा गांव सतलुज नदी घाटी के पास बसा हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 2,960 मीटर (9, 710 फ़ीट ) है। कल्पा गांव बर्फ से ढकी हुई किन्नौर कैलाश पर्वतमाला जो कि 6050 मीटर ऊँची हैं, इसके आधार पर स्थित है। किन्नौर कैलाश हिन्दू और बौद्ध दोनों के लिए आस्था का प्रतीक है। 

मौसम :   

इतनी ऊंचाई पर होने के कारण कल्पा वर्ष भर ठंडा रहता है। यहाँ गर्मियां प्रायः जून से सितम्बर तक रहती हैं, जो कि घूमने के लिए सर्वोत्तम समय है। लेकिन इन दिनों में भी गर्म कपड़ों की जरूरत पड़ती है। जबकि सर्दियाँ यहाँ लम्बी होती हैं जो अक्टूबर से लेकर मई तक चलती हैं। सर्दियों में यहाँ खूब बर्फ (5-7 फ़ीट बर्फ ) पड़ती है और तापमान -20 डिग्री तक पहुँच जाता है। 

प्राकृतिक नज़ारा :      

 कल्पा गांव बहुत ही सुन्दर प्रकृति के अद्भुद्ध नज़ारों से भरा पड़ा है। यहाँ आपको ऊँचे पहाड़, अनेक झरने, सतलुज नदी, सेब के बगीचे, पाइन नट के जंगल और लंबे आलिशान देवदार के वृक्ष देखने को मिलेंगे। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां और जीव-जंतु इस गावं की सुंदरता और बड़ा देते हैं। यहाँ प्रातः काल सूर्य उदय एवं संध्या सूर्य अस्त का नज़ारा अद्भुद होता है। किनौर कैलाश के पीछे से उगते हुए सूर्य का नज़ारा देखते ही बनता है। 

दर्शनीय स्थल :          

कल्पा गांव मंदिरों और मठों के लिए प्रसिद्ध है। इसके साथ यहाँ आप सुसाइड पॉइंट भी देख सकते हैं जो कि रोधी गांव के रास्ते में पड़ता है। यहाँ से चारों ओर का नज़ारा बहुत ही आकर्षक व अविस्मरणीय है।

Kamru _ Fort

कामरु फोर्ट

Kamru Fort – ( कामरु  किला )

यह पौराणिक(1100 वर्ष पुराना) किला समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सांगला घाटी से इसकी दूरी मात्र 2 किमी है। इस किले से चारोँ ओर का प्राकृतिक दृश्य बहुत ही सुन्दर दिखता है। यहाँ आपको सांगला घाटी, जल प्रपात, सेब के बागान, बर्फ से ढके पहाड़, घने जंगल  देखने को मिलेंगे। 

इतिहास :  

यह बुशहर राजवंश की प्रमुख सीट थी जो यहाँ से शासन करती थी। पहले राजधानी सराहन थी जिसे बाद में रामपुर बना दिया गया था। उस समय यहाँ अंतिम राजा पदम् सिंह ने शासन किया था। ऐसी मान्यता है कि इस किले में 121 राजाओं का राज्य भिषेक हुआ था। जिसमे राजा पदम् सिंह जी 121 वें थे। हिमाचल के पूर्व मुख्य मंत्री राजा वीर भद्र सिंह जी, राजा पदम् सिंह जी के पुत्र हैं। यह किला इस नाते उनका पुश्तैनी किला है। 

किले में मंदिर :

यह किला अब मंदिर के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। यह पांच मंजिला लकड़ी से, सुन्दर नक्काशी द्वारा निर्मित किला है जो कि बहुत बड़े पत्थर के चबूतरे (55 वर्ग फुट ) पर बना हुआ है। इसकी तीसरी मंजिल पर देवी कामाख्या की मूर्ती स्थापित है जिन्हें गुहाटी से लाया गया था। स्थानीय लोगों की इस मंदिर के प्रति अपार आस्था है। ऐसी मान्यता है कि किले में 33 कोटि देवता निवास करते हैं। किले के मुख्य द्वार पर भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा लगी हुई है। 

Baatseri Village – ( बाटसेरी गांव )   

बाटसेरी गांव में सर्दियों के मौसम में चारों तरफ पहाड़ों पर आपको बर्फ ही बर्फ नज़र आएगी। यह गांव सांगला से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। इस गांव में आकर आप बर्फ का आनंद तो ले ही सकते हैं साथ में हस्तशिल्प कला से सम्बंधित सामान जैसे किन्नौरी टोपी और हाथों से बने शॉल ले सकते हैं जिसके लिए यह गांव बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। यही नहीं बाटसेरी गांव में पाइन नट्स या चिलगोज़े की भी खेती होती है। यह यहाँ की प्रसिद्ध मेवा है। यदि आप बाटसेरी जाएँ तो चिलगोज़े अवश्य खरीदें। यहाँ कुछ दूरी पर फिशिंग फार्म भी है। जहाँ आप मछलियां देख सकते हैं।

Baspa River _ Chitkul

बसपा नदी

Baspa River – ( बसपा नदी ) 

चितकुल में घूमते समय आप बसपा नदी के नज़दीक घूमने का आनंद उठा सकते हैं। यहाँ आप फोटोग्राफी, फिशिंग( मछली पकड़ना ) कैंपिंग ट्रेकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का लुत्फ़ उठा सकते हैं। यहाँ पहाड़ो के पीछे बनते इंदरधनुष का दृश्य देखने लायक होता है। भूरे रंग के ट्राउट नदी में आसानी से दिख जाती हैं। इस स्थान पर आकर आपको असीम शांति का अनुभव प्राप्त होगा। यह नदी संगल घाटी व चितकुल का प्रमुख आकर्षण है।

Rakcham Village near Chitkul

Image Credit: Google ( TripAdvisor)

रक्छम गाँव

Rakcham Village – ( रक्छम गांव )

रक्छम गाँव एक छोटा सा गाँव है जो संगळा गांव से 13 किमी और चितकुल से 23 किमी दूर दोनों के बीच में पड़ता है। यह बहुत सुन्दर गाँव है जो समुद्र तल से 10,000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। सर्दियों में यहाँ 3-9 फ़ीट तक बर्फ जमी रहती है जिसके कारण स्थानीय लोग सर्दियों में निचले इलाकों में रहने के लिए चले जाते हैं। अप्रैल माह में यह लोग फिर लौट आते हैं।

रक्छम गाँव में आपको बसपा नदी, बर्फ से ढके पहाड़, सेब से लदे बाग़, अल्पाइन और कोनिफेरस वृक्षों के घने जंगल जिन्हें देखकर आपका मन प्रसन्न हो उठेगा। यहाँ लोगों के घर पत्थर और लकड़ी से बने होते हैं।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत रक्छम गांव को सफाई में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।

Where To Stay In Chitkul  –  ( चितकुल में रुकने की जगह )   

चितकुल में आपको सस्ते व महंगे दोनों प्रकार के होटल मिल जाएंगे रहने के लिए। यहाँ आपको 1200-1500 रूपये में अच्छे होटल मिल जाएंगे रहने के लिए, जहाँ सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध है पर्यटकों के लिए। यहाँ का Zostel Hotel अच्छे ओटलों में से एक है।        

How To Reach Chitkul  –  ( चितकुल कैसे पहुंचे )

सड़क मार्ग :

आप चितकुल की यात्रा सड़क मार्ग द्वारा आसानी से कर सकते हैं। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब से हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन( HRTC) की बसें नियमित रूप से चलती हैं। यही नहीं चंडीगढ़ से भी सांगला के लिए निजी बस सुविधा उपलब्ध है।

रेल मार्ग : 

यदि आप रेल द्वारा यात्रा करना चाहते हैं तो सांगला तक आपको कोई रेल नहीं मिलेगी क्योंकि यहाँ रेलवे स्टेशन नहीं है। अतः आपको ट्रेन से शिमला के कालका स्टेशन तक जाना होगा फिर वहां से आप सांगला बस या टैक्सी से जा सकते हैं।

वायु मार्ग :    

यदि आप हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो सर्वप्रथम शिमला के जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे पर पहुंचना होगा। चितकुल यहाँ से 238 किमी दूर है। इस हवाई अड्डे से आपको सांगला के लिए बस या टैक्सी आसानी से मिल जाएगी।

Important Tips For Chitkul Trip – 

चितकुल का मौसम प्रायः ठंडा होता है। इसलिए जरूरी है कि आप गर्म कपडे साथ में अवश्य रखें।

यहाँ सर्दियों के पीक सीजन में माइनस में तापमान चला जाता है अतः इस समय ट्रिप प्लान न करें।

अपने साथ फर्स्ट ऐड बॉक्स, सर्दी, बुखार, पेन किलर, उलटी, दस्त आदि दवाइयां अवश्य रखें।

अपने साथ खाने की चीज़ें तथा पीने का पानी अवश्य रखें।

Conclusion  – (निष्कर्ष)

चितकुल एक बहुत ही सुन्दर, शांत, प्रकृति के अद्भुद नज़ारों से भरा पड़ा है। अभी Chitkul – हिमाचल प्रदेश का छुपा हुआ सुन्दर पर्यटन स्थल है क्योंकि कम ही पर्यटकों को इसकी जानकारी है। इसलिए आप इन गर्मियों में यदि घूमने का प्लान बना रहे हैं तो Chitkul जरूर घूमें। यहाँ आकर आप तरोताज़ा महसूस करेंगे और कम बजट में एक अच्छे हिल स्टेशन को भी देख पाएंगे।

 

 

 

 

 


Kavita Singh

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