Anjaneri Parvat | अंजनेरी पर्वत-हनुमान जी की जन्मस्थली
हमारे प्राचीन ग्रंथों की मान्यताओं के आधार पर हनुमान जी के जन्मस्थान के विषय में अलग अलग तथ्य मिलते हैं। उनमे से एक है Anjaneri Parvat – हनुमान जी की जन्मस्थली। ऐसा माना जाता है कि इस पर्वत पर महाबली हनुमान जी के जन्म व बाल लीलाओं के साक्षात प्रमाण मिलते हैं जिसका जिक्र रामायण और पुराणों में भी हुआ है।
Anjaneri Parvat – पौराणिक मान्यता :
विष्णु पुराण, नारद पुराण व शिव पुराण के अनुसार महादेव के सबसे शक्तिशाली धाम त्रियंबकेश्वर के पास अंजनेरी पर्वत की सबसे ऊँची चोटी पर एक गुफा है। यहाँ माता अंजनी ने 108 वर्षों तक भगवान शिव की आराधना व तपस्या की थी।
तब भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया। फिर माता अंजनी को कठोर तप के बाद एक पुत्र प्राप्त हुआ। इसलिए हनुमान जी भगवान शिव के ही अंश अवतार हैं।
अंजनी माता किसकी पुत्री थी ?
आप लोग शायद यह जानना चाहेंगे कि माता अंजनी किसकी पुत्री थी ? माता अंजनी, गौतम ऋषि व अहिल्या देवी की पुत्री थी।
अंजनेरी पर्वत — हनुमान जी की जन्मस्थली |
Anjaneri Parvat-अंजनेरी किले की जानकारी :
अंजनेरी पर्वत नासिक शहर, महाराष्ट्र के प्रमुख आकर्षक स्थलों में से एक है। यह नासिक से 20 km दूर (त्रियंबक रोड ) पर स्थित है। इस पर्वत पर एक किला भी है जो अंजनेरी किला के नाम से जाना जाता है।
यह किला त्रियंबकेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ऐसा माना जाता है, कि यही अंजनी पर्वत, हनुमान जी की जन्मस्थली है। यहाँ हनुमान जी का बचपन बीता था। यह क्षेत्र समुद्र तल से 4,264 फीट की उँचाई पर स्थित है।
Anjaneri Parvat पर ट्रैकिंग :
अंजनेरी पर्वत ट्रैकिंग के लिए एक खूबसूरत व उप्युक्त स्थान है। यहाँ चारो ओर का वातावरण व प्राकृतिक सौंदर्य दर्शको का मन मोह लेता है।
यहाँ इस पर्वत पर घनी झाड़ियाँ, गुफाएँ, झील व झरने इस स्थान की शोभा में चार चाँद लगा देते हैं। बल्कि यहाँ के मनोरम दृश्य आपके ट्रैकिंग के अनुभव को अधिक रोमांचकारी बना देते हैं।
Anjaneri Parvat का इतिहास :
अंजनेरी पर्वत हनुमान जी की जन्मस्थली है। इस बात के यहाँ प्रत्यक्ष प्रमाण भी मिलते हैं। भगवान हनुमान, वानर राज केसरी व अंजनी माता के पुत्र है इसलिए इस किले का नाम अंजनेरी किला पड़ा।
यहाँ 108 जैन गुफाएँ भी पाई जाती हैं जो 12 वी शताब्दी से जुडी हैं। इस क्षेत्र पर कुछ समय के लिए वीरसेन अहीर ने भी शासन किया था, उस समय अंजनेरी उसकी राजधानी थी।
Anjaneri Parvat के दर्शनीय स्थल :
सिद्ध मंदिर :
अंजनेरी पर्वत की यात्रा शुरू करते ही कुछ दूरी पर हनुमान जी का एक सिद्ध मंदिर है। लोगो का मानना है कि यहाँ जब भी यज्ञ होते हैं, तब अग्नि कुंड में हनुमान जी की आकृति नज़र आती है। यहाँ हनुमान जी की विशाल मूर्ति ध्यान मुद्रा में है।
अंजनी माता का मंदिर :
कुछ किलोमीटर पथरीले रास्तों में आगे चलते हुए आपको अंजनी माता का मंदिर मिलेगा। जिसमे वह अपनी गोद में बाल हनुमान को उठाए हुए है। ऐसा कहा जाता है कि यही वह जगह है, जहाँ अंजनी माता की कुटिया थी। जिसमे रहकर उन्होंने तप किया था।
कुण्ड :
इस मंदिर से यदि आप थोड़ा और आगे चलेंगे तो आपको पानी से भरा एक कुण्ड दिखेगा। इसकी कहानी बड़ी रोचक है। एक बार बाल हनुमान को भूख लगी, तब उन्होंने अपनी माता से कहा कि मुझे भूख लगी है। इस पर उनकी माता ने कहा जाओ वृक्ष के फल खा लो।
लेकिन महाबली को तो पेड़ पर फल की जगह लाल सूर्य दिखे, जिसे वह फल समझ कर खाने के लिए चल दिए। जैसे ही उन्होंने पश्चिम से पूर्व की ओर छलांग लगाई, तो उनका बायाँ पैर इस जगह पर पड़ा। तब से यह कुण्ड उन्हीं के पैर का निशान है। कहते हैं इसका पानी कभी नहीं सूखता है।
अंजना-सीता माता मिलन गुफा :
इस कुण्ड से आगे बढ़ने पर एक गुफा दिखाई पड़ती है। इसके बारे में कहा जाता है यहाँ अंजना माता और सीता माता मिली थी। उन्हीं के नाम पर इस गुफा का नाम अंजना माता और सीता माता मिलन गुफा है।
Anjaneri Parvat :
इस गुफा से चढ़ाई और कठिन हो जाती है। कुछ दूर और चढ़ाई करने पर अंजनेरी पर्वत, हनुमान जी की जन्मस्थली वाला स्थान आ जाता है। यहाँ भक्तों को परेशानी न हो इसके लिए चट्टानों पर निशान बनाए गए है। यही वह स्थान है जो हनुमान जी की जन्मस्थली है।
यह अब एक छोटे मंदिर के रूप में है। इस मंदिर में अंजनी माता ने बाल हनुमान को अपनी गोद में बिठा रखा है। यहाँ एक स्वयं भू मूर्ति है, जो कि पिण्डी के रूप में है। यहीं पर वह शिवलिंग भी है, जिसकी काफी मान्यता है।
घूमने का उपयुक्त समय :
अंजनेरी पर्वत पर घूमने का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर माह से फरवरी माह के अंत तक है। इस समय यहाँ का मौसम बहुत सुहावना होता है।
हालाँकि कुछ लोग मानसून सीजन में भी जाना पसंद करते हैं। क्योंकि उस समय चारो ओर हरियाली व सीजनल वाटर फॉल का लुत्फ़ उठाया जा सकता है। जबकि गर्मियों के मौसम मैं यहाँ बहुत गर्मी पड़ती है।
पहुँचने का रास्ता :
- हवाई मार्ग : आप नासिक हवाई अड्डे तक हवाई मार्ग से आ सकते हैं। फिर यहाँ से पब्लिक ट्रांसपोर्ट या कैब ले सकते हैं। हवाई अड्डे से किले तक का रास्ता 50 km है। हालांकि फिर कुछ किलोमीटर पैदल ही चढ़ाई करनी पड़ती है।
- रेल मार्ग : आप रेल मार्ग द्वारा भी नासिक रेलवे स्टेशन तक पहुँच सकते हैं। फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट द्वारा किले तक पहुँचा जा सकता है।
- सड़क द्वारा : किले के चारों ओर अच्छी सड़क सुविधा है। जिसके द्वारा आप अपने वाहन से भी आ सकते हैं।
Anjaneri Parvat पर अन्य पर्यटन स्थल :
- अंजनेरी रिवर्स वाटर फॉल (ANJANERI REVERSE WATER FALL)
- दूगरवदी वाटर फॉल (DUGARWADI WATER FALL)
- मुख्य अंजनेरी वाटर फॉल (MAIN ANJANERI WATER FALL)
- कोजोली वाटर फॉल और स्वीमिंग पॉण्ड (KOJOLI WATER FALL AND SWIMMING POND )
- अंजनेरी झील (ANJANERI LAKE )
इसके अलावा यहाँ और बहुत से वाटर फॉल हैं, इन सभी को मानसून सीजन में देखा जा सकता है।
मुख्य अंजनेरी वाटर फॉल |
रेस्टोरेंट और होटल :
रेस्टोरेंट्स :
- HARI OM DHABA — 15.2 KM दूर है अंजनेरी पर्वत से । यहाँ भारतीय भोजन मिलता है।
- MANGO LEAF AND RESORT — 11.1 KM दूर है अंजनेरी पर्वत से। यहाँ भी भारतीय भोजन आसानी से मिल जाता है।
होटल्स :
- THREE LEAVES — 4.31 KM
- BEYOND BY SULA –12.75 KM
- UTOPIA FARM STAY –14.69 KM
- DHRUV PALACE
निष्कर्ष —
दोस्तों आप जब भी किसी अविस्मरणीय यात्रा का अनुभव लेना चाहते हैं, तो Anjaneri Parvat – हनुमान जी की जन्मस्थली पर जा सकते हैं। इस यात्रा से आप प्राचीन मन्दिरों के दर्शन भी कर पाएँगे और साथ साथ प्रकृति के सौंदर्य का आनंद भी ले सकते हैं।
बस इस यात्रा को यादगार बनाने के लिए उचित मौसम का चयन करना होगा। ऐसी जगह पर जाने से मन अत्याधिक रोमांचित हो जाता है, जिसका इतना अधिक पौराणिक महत्व है।
अंजनेरी पर्वत के विषय में आपको पढ़कर कैसा लगा अपनी राय जरूर लिखिएगा।
Read More: