सर्दियों में आसानी से बनाएं ‘पालक अंडा करी’, खाकर हर कोई कहेगा वाह, शरीर भी लगेगा गर्म और तरोताजा

पालक अंडा करी रेसिपी:
हर दिन एक ही सब्जी खाना किसी को भी बोर करने के लिए काफी है। ऐसे में हर कोई कुछ अलग बनाना और खाना चाहता है. खासकर जब घर पर मेहमान आएं. इस दौरान कुछ ऐसा बनाना होता है जो कम समय में स्वादिष्ट हो. अगर आप भी कुछ ऐसा ही बनाने की सोच रहे हैं तो पालक अंडा करी बना सकते हैं. जी हां, पालक अंडा करी एक स्वादिष्ट और आसानी से बनने वाली सब्जी है. यह एक शाही और स्वादिष्ट सब्जी है. आप इसे लंच या डिनर में कभी भी बनाकर खा सकते हैं. आइए जानते हैं पालक अंडा करी बनाने का आसान तरीका-
पालक अंडा करी बनाने की सामग्री
पालक- 300 ग्राम
बारीक कटा हुआ प्याज- 2
कसा हुआ टमाटर- 2
कुटी हुई हरी मिर्च – 2-3
अदरक-लहसुन का पेस्ट- 1 बड़ा चम्मच
सरसों का तेल- 1/4 कप
जीरा- 1/4 छोटी चम्मच
हल्दी पाउडर- 1/4 छोटा चम्मच
कश्मीरी मिर्च पाउडर- 1 चम्मच
नमक- स्वादानुसार
उबले अंडे- 2
धनिया पाउडर- 1 चम्मच
गेहूं का आटा (वैकल्पिक) – 1 बड़ा चम्मच
दही- 1/4 कप
कसूरी मेथी और गरम मसाला (गार्निशिंग के लिए)
पालक अंडा करी कैसे बनाये
घर पर पालक अंडा करी बनाने के लिए सबसे पहले पालक को अच्छी तरह धोकर बारीक काट लें और थोड़ा सुखा लें. – फिर टमाटरों को कद्दूकस कर लें, प्याज को काट लें और अदरक-लहसुन-मिर्च का पेस्ट तैयार कर लें. – इसके बाद पैन में सरसों का तेल गर्म करें. – जब तेल गर्म हो जाए तो इसमें जीरा डालें. – फिर इसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर भूनें. – अब इसमें प्याज डालकर सुनहरा होने तक पकाएं. – इसके बाद हल्दी, कश्मीरी मिर्च पाउडर और नमक डालें. – अब इसमें कद्दूकस किया हुआ टमाटर डालकर पकाएं. इसे तब तक पकाएं जब तक तेल अलग न हो जाए. – फिर इसमें कटी हुई पालक डालें और ढककर 2 मिनट तक पकाएं. – फिर इसे मसाले के साथ अच्छे से मिलाएं और धनिया पाउडर डालें. ध्यान रखें कि अगर पालक का पानी अलग हो रहा है तो एक चम्मच गेहूं का आटा मिला लें. – फिर दही डालकर 2-3 मिनट तक पकाएं.
– दूसरी ओर उबले अंडों को हल्का सा भून लें, फिर उन्हें पालक की ग्रेवी में डाल दें. – फिर ग्रेवी में कसूरी मेथी और गरम मसाला डालकर धीमी आंच पर 5 मिनट तक पकने दें. करीब 7-8 मिनट तक पकाने के बाद इसे बाहर निकाल लें. इस तरह पालक अंडा करी तैयार है. अब आप गर्मागर्म पालक अंडा करी को रोटी या चावल के साथ परोस सकते हैं.
