Tourism

Kudremukh – कुद्रेमुख नेशनल पार्क। ट्रैक। दर्शनीय स्थल


घूमने के शौकीन लोग अकसर नए पर्यटन स्थलों की खोज में रहते हैं। इसी श्रंखला में आज हम बात करेंगे कुद्रेमुख की जो बहुत ही सुन्दर, प्राकृतिक नज़ारों से भरा हुआ हिल स्टेशन है। हम आपको इस लेख के जरिए Kudremukh – कुन्द्रेमुख नेशनल पार्क, ट्रेक एवं दर्शनीय स्थलों के बारे में बताएँगे। जिसे पढ़कर निश्चित रूप से आप जरूर इसे अपनी ट्रेवल लिस्ट में शामिल करेंगे । 

Kudremukh -- HORSE FACE

कुद्रेमुख – हॉर्स फेस

Kudremukh Tourist Spot (कुद्रेमुख पर्यटन स्थल) 

यह घोड़े के चेहरे के आकार ली हुई पर्वत मालाएं हैं जैसा की नाम से वर्णित है। कुद्रेमुख कर्नाटक की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है इसकी ऊंचाई लगभग 6214 फ़ीट है जबकि पहली मुलायनागिरि है। यह क्षेत्र लौह अयस्क के खनन के लिए प्रसिद्ध है। KIOCL (कुद्रेमुख आयरन ओर कंपनी लिमिटेड) सरकारी संस्था इस क्षेत्र में कार्यरत है।

कहाँ स्थित है ?

कुद्रेमुख कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में स्थित एक छोटा सा हिल स्टेशन है। जो मंगलौर से लगभग 100 किमी के दूरी पर स्थित है तथा दक्षिण कन्नड व उडुपी की सीमाओं से लगा हुआ है। यह पश्चिमी घाटों की सुंदरता और हरे भरे ट्रेकों को भी अपने में समेटे हुए है। 

Kudremukh Peak

कुद्रेमुख चोटी

पर्यटकों की पहली पसंद क्यों है यह पर्यटन स्थल ? 

Kudremukh Trek

यह स्थान पर्यटकों की पहली पसंद है। यहाँ विभिन्न प्रकार की जैव विवधता, वन्य जीव, चाय कॉफी के बागान, घने जंगल, घास के हरे भरे दूर तक फैले मैदान। यह स्थान ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। कुद्रेमुख पहाड़ की चोटी पर ट्रैकिंग करना सबसे अधिक रोमांचक और प्रसिद्ध है। इसकी चोटी पर पहुँच कर गहरा समुद्र भी दिखाई देता है। इतनी ऊंचाई से समुद्र को देखना वास्तव में कभी न भूलने वाला दृश्य है। यही नहीं  कुद्रेमुख की चोटी से सनराइज व सनसेट का दृश्य बहुत मनोरम लगता है।   

Kudremukh National Park

कुद्रेमुख नेशनल पार्क

Kudremukh National Park (कुद्रेमुख नेशनल पार्क) 

यहाँ का मुख्य आकर्षण कुद्रेमुख नेशनल पार्क है, जो कि 600 वर्ग किमी मैं फैला हुआ है। इसको सन 1987 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ था। हालाँकि अंग्रेज़ों ने सन 1916 में ही इसे आरक्षित वन का दर्ज़ा दे दिया था। यह दुनिया के प्रसिद्ध जैव विविधता (Bio Diversity) वाले क्षेत्रों में से एक है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1894 मीटर है।

कुद्रेमुख नेशनल पार्क में आप क्या देख सकते हैं ?   

Sambar Fawn _ Kudremukh

सांभर

विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणी :

इस नेशनल पार्क में आप विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों को तथा उनकी दुर्लभ प्रजातियों को देख सकते हैं। जिनमे स्लोथ बीयर, बंगाल टाइगर, सांभर, जंगली कुत्ते, हिरन, सियार, फ्लाइंग गिलहरी, गौर, तेंदुए , सांप, कछुए, शेर जैसी पूंछ वाले लंगूर, जंगली वराह, नेवला, सल्य, मकाक, मालाबार गिलहरी, चीतल, भौकने वाले हिरन आदि शामिल है।

Malabar Trogon _ Kudremukh

मालाबार – ट्रोगॉन

अनेक प्रकार के पक्षी :

यही नहीं यहाँ लगभग 200 से भी अधिक प्रकार की पक्षियों की प्रजातियां पायी जाती हैं। जिनमे कुछ दुर्लभ प्रजातियां भी शामिल हैं जैसे- इम्पीरियल पिजन, मालाबार ट्रौगुन, मालाबार व्हिस्लिंग थ्रश, ग्रेट पाईड हॉर्न बिल आदि। बर्ड वाचिंग के लिए यह सबसे उत्तम जगह है। 

Tea Estate ( Kudremukh)

चाय बागान

विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे :

कुद्रेमुख में 7000 मिमी तक बारिश रिकॉर्ड की गई है जिसके कारण यहाँ सदाबाहर वन, विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां, औषधीय पेड़ पौधे तथा दुर्लभ पौधे जैसे नीलाम्बर कोबरा लिली, साउथ इंडियन आर्किड भी पाए जाते हैं। यही नहीं उत्तर पूर्व में फैले चाय कॉफ़ी के बागान आपका मन मोह लेंगे।

Other Places To Visit In Kudremukh (कुद्रेमुख के अन्य दर्शनीय स्थल) 

कुद्रेमुख में आप अन्य दर्शनीय स्थल भी देख सकते हैं जैसे – हनुमान गुंडी झरना, लक्या डैम, गंगामूला, कलासा, होरानूड, लॉन्ग वुड शोला, कादम्बी झरना आदि।

Hanuman Gundi falls _ Kudremukh

हनुमान गुंडी झरना

Hanuman Gundi Water Fall (हनुमान गुंडी झरना) 

कुद्रेमुख के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में हनुमान गुंडी झरना एक बहुत ही सुन्दर जलप्रपात है। यह 100 फ़ीट की ऊंचाई से चट्टानों को चीरता हुआ नीचे गिरता है। यहाँ पर्यटक ट्रेकिंग करने के दौरान इस झरने के पानी में अपने आपको तरोताज़ा करते हैं। आस पास की हरियाली इसको और खूबसूरत बना देती है।

Lakya dam lake ( Kudremukh)

लक्या डैम लेक-कुद्रेमुख 

Lakya Dam (लक्या डैम) 

लक्या डैम कुद्रेमुख आयरन ओर कंपनी द्वारा बनाया गया चेक डैम है, जो भद्रा नदी की सहायक नदी लक्या पर बनाया गया है। यह डैम 572 हेक्टेयर मेंफैला हुआ है और इसकी ऊंचाई 100 मीटर है।

आयरन ओर कंपनी ने इसे खनन(mining) के दौरान निकले कचरे को एकत्रित करने के लिए बनाया गया है। हालाँकि अब इस क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के अंतर्गत खनन को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। बाँध के चारों ओर हरियाली, जंगल, पेड़ पौधे, गूंजती नदियों के स्वर इस स्थान को बहुत ही सुन्दर बना देते हैं।

पर्यटकों के लिए यह बाँध सोमवार से शनिवार शाम 4:30 से 6:30 तक और रविवार के दिन सुबह 9:30 से शाम 6:30 तक खुला रहता है।   

Gangamoola (गंगामूला) 

गंगामूला बहुत ही सुन्दर दर्शनीय स्थल है। इसे वराह पर्वत भी कहते है। समुद्र तल से इस पर्वत की ऊंचाई 1458 मीटर है। यही वह स्थान है जहाँ तुंगा, भद्रा और नेत्रवती नाम की नदियों का उद्गम होता है। यदि आप बर्ड वाचिंग का शौक रखते हैं, तो यह स्थान श्रेष्ठ है। यहाँ 100 से भी अधिक प्रकार के पक्षियों को आप देख सकते हैं।

इसके अलावा यहाँ का मुख्य आकर्षण देवी भगवती का मंदिर और गुफा भी है जहाँ वराह की 6 फ़ीट ऊँची मूर्ती है। गंगामूला में आपको चारों ओर हरियाली और घने जंगल मिल जाएंगे। अब आप ही बताइए हुआ न यह दर्शनीय स्थल कुद्रेमुख का। 

Kalasa (कलासा)          

कलासा एक पौराणिक शहर है जो, कुद्रेमुख से 20 किमी की दूरी पर है। यह तीन तरफ से भद्रा नदी से घिरा हुआ है, तथा दक्षिण की ओर दुग्प्पन कट्टे पहाड़ी है। ऊंचाई से देखने पर यह स्थान कलश के समान दिखता है, यही कारण है कि इसे कलासा कहा जाता है। कर्नाटक में लोग इस स्थान को तीर्थ स्थान के नाम से जानते है। क्योंकि यहाँ बहुत से प्राचीन मंदिर हैं जिनका अपना पौराणिक महत्व है।

Kalsheshwar Temple - Kudremukh

कलशेश्वर मंदिर 

यहाँ भग्वान शिव का प्रसिद्ध कलशेश्वर मंदिर भी है। इसके अलावा गिरिजा अम्बा मंदिर और वेंकटारमन मंदिर यहाँ के प्रसिद्ध मंदिर हैं। भगवान शिव और पार्वती जी के विवाह को, अगस्त्य ऋषि ने इसी स्थान से देखा था। इसके लिए भगवान शिव ने उन्हें दिव्य दृष्टि प्रदान की थी।  

कलासा का मौसम वर्ष भर सुहावना रहता है। हालाँकि गर्मियों में यहाँ का मौसम गर्म रहता है। सबसे उपर्युक्त समय सितम्बर से फरवरी के बीच रहता है।

Horanadu (होरानाडू)

होरानाडू कर्नाटक के मलनाड में स्थित एक पौराणिक शहर है। यह समुद्र तल से 2726 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ माता अन्नपूर्णेश्वरी जी का मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना 8 वीं शताब्दी में महर्षि अगस्त्य जी ने कराई थी। यहाँ नवरात्री का पर्व बड़ी धूम धाम से नौ दिनों तक मनाया जाता है।

Horanadu Annapurneswari Temple _ Kudremukh

होरानाडू अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर 

यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। हरे भरे धान के मखमली खेत, पहाड़ और चारों ओर हरा भरा वातावरण सभी का मन मोह लेने के लिए काफी है। होरनाडु कॉफ़ी, मसाले और सूखे मेवों जैसे काजू, बादाम आदि के लिए प्रसिद्ध है।   

Long Wood Shola (लॉन्ग वुड शोला)

यह स्थान कुद्रेमुख से 3 किमी की दूरी पर तथा कोटागिरी में स्थित एक प्राकृतिक सदाबहार वन है तथा 116 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।  घना जंगल होने के कारण यह स्थान वन्य जीवों जैसे-फ्लाइंग फॉक्स और इंडियन बाईसन जैसे जीवों का प्राकृतिक घर है।

Longwood Shola _ Kudremukh

शोला- घास के मैदान व जंगल  

लॉन्ग वुड शोला में आपको पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियां तथा विभिन्न प्रकार के पक्षी भी देखने को मिल जाएंगे। इसी कारण यह स्थान बर्ड वाचिंग और ट्रैकिंग के लिए सर्वोत्तम है। इसके अलावा यह पानी का एकलौता ऐसा स्रोत है जो 18 गाँवों की पानी की खपत को पूरा करता है।

Kadambi Water Fall (कादम्बी झरना)

कुद्रेमुख नेशनल पार्क में स्थित कादम्बी झरना एक बहुत ही सुन्दर दर्शनीय स्थल है कुद्रेमुख का। यह झरना 30 फ़ीट ऊंचाई से गिरता है। झरने के चारों ओर हरियाली और शांत वातावरण पर्यटकों का मन मोह लेती है। मुख्य मार्ग से जाते हुए भी आप इस को देख पाएंगे क्योंकि यह काफी निकट है। इसके साथ हनुमान गुंडी झरने के भी बहुत पास है। अधिकतर लोग झरने के निकट जाकर इसकी सुंदरता का अनुभव करते हैं। यह एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट भी है।

Best Time To Visit (कुद्रेमुख जाने का उचित समय)

 कुद्रेमुख घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई महीनों का है। वैसे तो वर्ष भर यहाँ का मौसम सुहावना रहता है परन्तु जून महीने से सितम्बर तक जाने से बचना चाहिए। ट्रेकिंग के लिए देखे तो सबसे उचित समय मार्च से मई का है। 

तो यह थी कुद्रेमुख- नेशनल पार्क, ट्रेक और दर्शनीय स्थलों के विषय में विस्तृत जानकारी। आप अपनी ट्रेवल लिस्ट में जरूर इसे शामिल करें। आपको यह लेख कैसा लगा प्लीज कमेंट करें।

 

 

Kavita Singh

Hello, I am Kavita Singh, the founder of this platform, and as a passionate Blogger by profession. I have always believed in the power of knowledge to enrich lives.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *