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Karela-डायबिटीज व रोगों का प्राकृतिक इलाज़ / Bitter Gourd


करेले की बात की जाए तो यह स्वाद में तो कड़वे होते हैं, बावज़ूद इसके यह शरीर को स्वस्थ्य रखते हैं। बहुत से लोग इसके कड़वे होने की वजह से इसे खाना पसंद नहीं करते जबकि अधिकतर लोग इसे भरवा करेले के रूप में पसंद करते हैं। हालाँकि इसके बहुत से व्यंजन बनाये जाते हैं जैसे- करेले का अचार, करेले और प्याज की सब्जी, करेले और कच्चे आम की सब्ज़ी, करेले की भुजिया आदि। Karela डायबिटीज व रोगों का प्राकृतिक इलाज़ है। 

दवाइयां जो हम अकसर रोग ठीक करने के लिए खाते हैं, वह सिर्फ एक रोग को ही ठीक कर पाती हैं। जबकि करेला गुणों से भरपूर हमारे पूरे शरीर के ग्लूकोज़ मेटाबोलिज्म पर काम करता है। इसमें पाए जाने वाले रासायनिक यौगिक, लीवर , मांसपेशियों और वसायुक्त ऊतकों द्वारा ग्लूकोज़ ग्रहण करने की क्षमता और ग्लाइकोजन संश्लेषण की प्रक्रिया को बढ़ाते हैं। इसके अलावा शरीर में ग्लूकोज़ की वहन शक्ति को बढ़ाता है।

Karela (Bitter Gourd Gardening)

करेले का बाग़

Scientific Name Of Karela (वैज्ञानिक नाम)  

करेले का वैज्ञानिक नाम MOMORDICA  CHARANTIA  है। अंग्रेजी में इसे बिटर स्क्वैश, संस्कृत में कारवेल्ली, गुजराती में करला/ करेलु मराठी में करले, बंगाली में कोराला/ बड़मसिया, तमिल में पावकाई, हिंदी में करेला और अन्य भाषाओँ में अलग-अलग नाम से बोलते हैं। करेला मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया में पाया जाता है।

Nutrients Found In Karela (पौष्टिक गुण) 

करेला विभिन्न पौष्टिक तत्वों का भण्डार है। करेले में अनेक विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं जैसे- विटामिन ए, विटामिन बी ( बी 3, बी 5, बी 6, फोलेट), विटामिन सी, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, मैंगनीज, सेलेनियम, कैरोटीन, फ्लेवोनॉइड्स और लुटिन। इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट भी पाए जाते हैं। करेले में कम कैलोरीज पायी जाती हैं, जिसकी वजह से यह मोटे लोगों के लिए सब्ज़ी का एक अच्छा विकल्प है। इसके साथ यह एंटीफंगल, एंटीबायोटिक, एंटीएलर्जिक, एंटी पाइरेटिक, एंटी कैंसर और एंटी वायरल गुणों से भी परिपूर्ण होता है।

Benefits Of Karela in Diabetes and Other Diseases (करेले के फायदे)

करेला डायबिटीज का तो एक प्राकृतिक इलाज़ है ही, इसके अलावा यह अन्य रोगों को भी ठीक करने में सक्ष्म है। यह भूख भी बढ़ाता है और साथ में हमारी जठराग्नि को भी तीव्र करता है।

Dry Karela ( Dry Bitter Gourd)

सूखा करेला  

Karela In Treatment Of Diabetes -डायबिटीज के इलाज़ में 

यह बात सभी जानते हैं कि करेला डायबिटीज के इलाज़ में सर्वोत्तम औषधि का कार्य करता है। यह रक्त में शुगर लेवल को कम करता है और पैंक्रियास के द्वारा इन्सुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है। इसके अलावा यह इन्सुलिन प्रतिरोध से भी बचाव करने में मदद करता है। इसमें बहुत से ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो डायबिटीज के रोग को या तो होने नहीं देते और हो जाए तो ठीक कर देते हैं। अतः डायबिटीज के रोगियों को प्रतिदिन करेले का सेवन करना चाहिए। करले का जूस पीना भी उत्तम रहता है। यह दोनों प्रकार कि डायबिटीज के लिए लाभदायक है।

Karela In Treatment Of Liver -लिवर के इलाज़ में 

यह लिवर के लिए भी बहुत उपयोगी है। इसमें लिवर को सुरक्षित रखने के गुण पाए जाते हैं। जिसके कारण लिवर सही ढंग से कार्य करता है और शरीर के सभी विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है। एक प्रकार से कहा जाए कि करेला शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है तो कुछ गलत नहीं होगा। इसके अलावा जिन्हें फैटी लिवर की समस्या हो जाती है, उनके लिए भी यह एक बेहतरीन प्राकृतिक औषधि का काम करता है।

To Increase Immunity -इम्युनिटी बढ़ाने के लिए 

करेले में बहुत से विटामिन्स एवं मिनरल्स पाए जाते हैं जिसके कारण यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। प्रतिदिन करेले के जूस का सेवन करने से आपकी रोगों से लड़ने की शक्ति बेहतर बनेगी जिसकी वजह से गंभीर बिमारियों का खतरा भी नहीं होगा।

Beneficial In Piles -बवासीर रोग में फायदेमंद 

करेला बवासीर के रोगियों के लिए भी बहुत ही लाभदायक है। इसके एंटी इन्फ्लमेट्री और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों की वजह से यह बवासीर रोग में उत्पन्न सूजन को ठीक करने में समर्थ है। यह भोजन को आसानी से पचाकर, कब्ज़ नहीं रहने देता जिसकी वजह से बवासीर रोग जल्दी ठीक हो जाता है। प्रतिदिन करेले एवं इसकी पत्तियों के जूस का यदि सेवन किया जाए तो शीघ्र ही इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है।

Karela Protects Against Cancer -कैंसर से बचाव करे 

शोध में पाया गया है कि करेला, कैंसर की कोशिकाओं पर विपरीत असर डालता है। इसके एंटी ऑक्सीडेंट, एंटीफंगल गुणों की वजह से यह कैंसर जैसे असाध्य रोग से भी बचाव कर सकता है। नियमित करेला खाने या जूस पीने से कैंसर होने की संभावना को रोका जा सकता है।

Karela Reduce Obesity -मोटापे को कम करे 

जो भी व्यक्ति मोटापे से परेशान हैं, उनके लिए करेला एक अच्छा भोजन है। क्योंकि इसमें कैलोरीज काफी कम होती है जबकि पोषक तत्वों की बात की जाए तो वह बहुत पाए जाते हैँ। करेला मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया को भी बड़ा देता है जिसकी वजह से यह कार्बोहाइड्रेट्स के पाचन में मदद करता है।

To Reduce Cholestrol -कोलेस्ट्रॉल को कम 

यदि आप अपने ह्रदय को स्वस्थ्य रखना चाहते हैं तो करेले का जूस या करेले की सब्ज़ी खाइए। क्योंकि यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। जिससे ह्रदय संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

Eliminate Intestinal Worms -पेट के कीड़ों को समाप्त 

पेट के हानिकारक कीड़े करेले का सेवन करने से समाप्त हो जाते हैं। यदि प्रातःकाल करेले का 1/2 कप जूस 8-10 दिनों तक पिया जाए तो पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। इसके अलावा आपका पेट भी विषाक्त मुक्त हो जाता है। इसके साथ यदि आप करेले के सूखे बीजों को भी दिन में 1-2 बार खाएंगे तो भी कुछ ही दिनों में कीड़े मर जाते है।

For Skin Diseases – त्वचा संबंधित रोगों में 

जैसा कि हम जान ही गए हैं कि करेला हमारे रक्त को शुद्ध करता है। शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। कब्ज़ नहीं रहने देता। इन्हीं गुणों के कारण यह त्वचा के मुहांसों या अन्य कोई भी संक्रमण के ठीक करने में मदद करता है। यह त्वचा के दाग धब्बों से बचाता है तथा नया निखार भी देता है।  

For Joint Pain -जोड़ों के दर्द के लिए 

गठिया या जोड़ों में दर्द एक आम समस्या है। करेले का सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। इसकी पत्तियों और फूलों के रस को दर्द वाली जगह पर मालिश करने से भी लाभ मिलता है। यदि इसमें तिल का तेल मिला लिया जाए और फिर मालिश करें तो और बेहतर परिणाम मिलते हैं।

To Prevent Vomiting Or Diarrhea – उल्टी व दस्त रोकने के लिए 

करेले के बीजों एवं काली मिर्च 2-3 यदि एक साथ पीसकर, इसका चूर्ण पानी से लेने पर उल्टी व दस्त बंद हो जाते हैं। 

To Improve Eyesight -नेत्र दृष्टि बेहतर करने के लिए 

इसमें बीटा कैरोटीन और विटामिन A बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है । आँखों के रोग एवं दृष्टि सुधार में यह सहायक होता है।

Karela Flower (Flower of Bitter Gourd)

करेले का फूल

Precautions- करेले का सेवन करते हुए सावधानियां :

  • करेले का सेवन गर्भावस्था के दौरान नहीं करना चाहिए।
  • करेले का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। क्योंकि करेले की तासीर गर्म होती है अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में दर्द एवं दस्त हो सकते हैं।
  • जिनका शुगर का स्तर पहले से कम है, उन्हें करेले का सेवन नहीं करना चाहिए।

इस प्रकार इस लेख में हमने देखा कि करेला, डायबिटीज के साथ अन्य रोगों का भी प्राकृतिक रूप से इलाज़ करता है। अतः हमें सीमित मात्रा में करेले का सेवन किसी भी रूप में जैसे-जूस,चूर्ण एवं सब्ज़ी के रूप में करना चाहिए।

 

 

                                             

 


Kavita Singh

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