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Heart Attack Symptoms In Hindi, Causes And Prevention


दुनिया में बहुत सी बीमारियां हैं जिनका विज्ञान के द्वारा इलाज संभव हो गया है। उन्हीं में से एक बीमारी हार्ट अटैक या दिल का दौरा है। सभी लोगों की ज़ुबान पर एक ही प्रश्न है कि Heart Attack आजकल सेहतमंद लोगों को ही क्यों हो रहा है ? ख़बरों में अकसर हर दूसरे तीसरे दिन यही सुनने को मिल रहा है कि डांस करते हुए, या जिम में एक्सरसाइज करते हुए दिल का दौरा पड़ गया। आज हम इस लेख के माध्यम से Heart Attack Symptoms, Causes And Prevention के बारे में जानेंगे।

Structure Of Heart _ Heart Attack

ह्रदय की संरचना

ह्रदय क्या है ?

ह्रदय  हमारे शरीर का एक ऐसा शक्तिशाली पंप है, जो समस्त शारीरिक अंगों की रक्त आपूर्ति करता है। यह 24 घंटे, जब तक हमारा जीवन है धड़कता रहता है। इसका नियंत्रण मष्तिष्क द्वारा नहीं होता है। 

रक्तवाहिनियां – 

जिन नलिकाओं से शरीर में रक्त बहता है उन्हें रक्त वाहिनियां कहते हैं। यह ह्रदय से शुद्ध रक्त सारे शरीर में ले जाती हैं तथा समस्त शरीर का अशुद्ध रक्त वापस ह्रदय में लाती हैं। इन रक्तवाहिनियों की शरीर में लम्बाई लगभग 96,000 किमी होती है। शरीर की रक्त संचार प्रणाली में पांच प्रकार की रक्त वाहिनियां हैं —

  1. धमनी (Artery)
  2. धमनिका (Arterioles)
  3. कोशिका (Capillary)
  4. शिरिका (Venule)
  5. शिरा (Vein)                                                                                                                                                                                                      Blood Capillaries                                                                                              रक्त वाहिनियां                                                                                                                                                                                                                                           

धमनी एक बड़ी नलिका होती है जो रक्त को ह्रदय के शरीर कोष्ठकों की ओर लाती है। इसमें से छोटी धमनिकाएँ फूटती हैं, जो आगे चलकर और भी पतली कोशिकाओं में बंट जाती है। यें कोशिकाएं ही रक्त को कोष्ठकों तक पहुंचाती है। फिर यें सब मुड़ जाती हैं और शिराओं का रूप ले लेती हैं। तत्पश्चात यें शिराएं जुड़कर एक बड़ी नलिका बन जाती है जिसे महाशिरा कहते हैं।

Functions Of Heart (ह्रदय के कार्य) 

  • ह्रदय का दायाँ भाग अशुद्ध रक्त को शुद्ध करने के लिए दोनों फेफड़ों में भेजता है जबकि बायाँ भाग फेफड़ों से आए शुद्ध रक्त को शरीर में भेजता है।
  • इसके अलावा ह्रदय रक्त के पंपिंग समय को निर्धारित करता है।
  • गति को नियमित रखना।
  • विभिन्न भागों में ताल मेल रखना है। इसी तालमेल से मांस पेशियाँ सही ढंग से फैलती और सुकुड़ती हैं।

What Is Heart Attack( हार्ट अटैक क्या है)

हार्ट अटैक या दिल के दौरे को डॉक्टरी भाषा में मायोकार्डियल इन्फार्क्शन(Myocardial infarction) कहते हैं। इस स्थिति में दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां प्लाक या ब्लॉकेज के कारण अवरुद्ध हो जाती है, जिसके फलस्वरूप ह्रदय की मांस पेशियों तक रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती है और ह्रदय की कोशिकाएं (cells) और ऊतक (tissues) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। यदि समय रहते उपचार नहीं मिलता है तो यह क्षति  ज्यादा भी हो सकती है।

Symptoms Of Heart Attack ( हार्ट अटैक के लक्ष्ण) 

Pain In Chest (छाती में दर्द) 

हार्ट अटैक आने से पहले छाती में अचानक दर्द उठता है। कुछ लोगों में यह दर्द छाती के बीच में उठता है तथा कुछ लोगों में पीठ के मध्य भाग में दर्द होता है जो शरीर के अन्य भागों में फैलता जाता है। यह दर्द कुछ मिनटों या घंटों तक बना रहता है। लेकिन 10-15 % लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें सीने का दर्द अनुभव नहीं होता है। 

Chest Pain _ Heart Attack

छाती में दर्द

Pain In Left Arm (उल्टी बांह में दर्द)

कुछ लोग जिन्हें ह्रदय रोग की शिकायत होती है, अपनी बाई भुजा में दर्द होने की शिकायत करते हैं। यह दर्द बाएं हाथ में लहरों के रूप में उठता रहता है।

Excess Sweating (पसीना आना) 

दिल के दौरे के पश्चात रोगी पसीने से लथपथ हो जाते हैं और उनका शरीर ठंडा पड़ जाता है।

Weakness (दुर्बलता) 

ह्रदय रोगी को दुर्बलता का अहसास अकसर रहता है। उसकी कार्य क्षमता घाट जाती है। वह कोई भी काम करने के बाद थकान महसूस करता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को अपना सामान्य परिक्षण करवा लेना चाहिए। ह्रदय रोगी के हाथ पैरों में कम रक्त पहुँचता है। इसलिए उसे दुर्बलता महसूस होती है।

Breathlessness (सांस फूलना) 

यह देखा गया है कि ह्रदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों का कोई भी कठिन काम करने में सांस फूलता है। उन्हें तेज़ चलते समय, सीढ़ियां चढ़ते समय या हल्का व्यायाम करते समय लम्बा सांस लेना पड़ता है। ऐसी स्थिति में उसे किसी ह्रदय विशेषज्ञ से अपना चेकअप करवा लेना  चाहिए।

Vomiting (उल्टी होना )   

यह देखा गया है कि दिल के दौरे के समय रोगी को उल्टी की शिकायत भी होती है।

Swollen Ankles (टखनों में सूजन) 

जो लोग ह्रदय के रोगी होते हैं, उनके टखनों में सूजन आ जाती है। सुबह के समय जब रोगी सो कर उठता है सूजन न के बराबर होती है। लेकिन शाम तक पैरों, टखनों और टांगों की सूजन अधिक हो जाती है। 

Headache (सिर दर्द होना) 

यदि आपको सिर दर्द की आम शिकायत नहीं रहती है तो कभी कभी का सिर दर्द उच्च रक्तचाप के कारण हो सकता है।

Headache

                                                                                              सिर दर्द                                                                                                                                                                                                       

Causes Of Heart Attack ( हार्ट अटैक के कारण)  

हमारे अंदर कुछ ऐसी बुरी आदतें होती हैं जिनका सीधा प्रभाव ह्रदय पर पड़ता है। हमारे बदले हुए लाइफस्टाइल, खाने- पीने, रहन-सहन में बदलाव हार्ट अटैक और हार्ट की बीमारियों का कारण बनते हैं। आइये जानते हैं क्या कारण हैं — 

Arrhythmia(Irregular Heart Beat)–

आजकल सभी फिट रहने की दौड़ में जिम में कई घंटे एक्सरसाइज करते रहते हैं। जबकि हर किसी के शरीर की प्रकृति अलग अलग होती है। यह जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति स्वस्थ रहने के लिए घंटों-घंटों व्यायाम करे। ऐसा देखा जा रहा है कि ओवर एक्सरसाइज की वजह से दिल की धड़कने अनियमित हो जाती हैं इस स्थिति को Arrhythmia कहते हैं। यदि समय रहते डॉक्टरी इलाज़ न मिले तो मौत भी हो सकती है। प्रायः देखा गया है कि Arrhythmia ही मौत का कारण बन जाता है। 

More Pressure On Heart In Winter (सर्दियाँ में दिल पर अधिक दबाव) 

डॉक्टरों का मानना है कि सर्दियों में तापमान में अंतर के कारण अकसर Heart Attack के केस बढ़ जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि हम गरम बिस्तर में सो रहे होते हैं फिर अचानक से ज्यादा सर्दी में चले जाते हैं। ह्रदय की रक्त वाहिकाएं सुकुड़ जाती हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। धमनियों को अधिक कार्य करने की वजह से दिल पर अधिक दबाव पड़ता है।

Smoking causes Heart Attack

धूम्रपान – स्मोकिंग

Smoking And Tobacco Use (धूम्रपान और तम्बाकू सेवन) 

धूम्रपान का सीधा सम्बन्ध ह्रदय रोगों से है। धूम्रपान में निकोटिन नामक एक विष शरीर के अंदर प्रवेश करता है। यह एक अत्यंत सक्रिय और शक्तिशाली विष है। इसका मुंह, गले, फेफड़े और दिल पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यह भी देखा गया है कि निकोटिन विष के कारण रक्त में एड्रिनलिन पदार्थ अधिक मात्रा में बनता है। जिससे रक्त के अंदर चर्बी की मात्रा बढ़ती है और रक्त वाहिनियां सख्त हो जाती हैं। इस प्रकार इस विष का सीधा असर दिल पर पड़ता है। दिल की धड़कने तेज़ और अनियमित हो जाती हैं। इसके अलावा भी धूम्रपान से पेट का अल्सर, गठिया मसूड़ों के रोग, पैरों में दर्द और कैंसर जैसे भयानक रोग हो जाते हैं। 

यही नहीं तम्बाकू खाना बीड़ी सिगरेट पीने से कम हानिकारक नहीं है। वैज्ञानिकों को तम्बाकू के अंदर ऐसे तत्वों का पता चला है जो शरीर में कैंसर पैदा कर सकते हैं। 

Tea, Coffee And Cocoa Beverages (चाय, कॉफ़ी, कोको पेय पदार्थ)    

चाय, कॉफ़ी, कोको आदि उत्तेजक पदार्थ हैं। इनको पीने से मस्तिष्क के कुछ भाग उत्तेजित होते हैं, नब्ज चलने की गति बढ़ जाती है। कॉफ़ी में कैफीन नमक पदार्थ होता है, जो शरीर में उत्तेजना पैदा करता है। कॉफ़ी पीने से रक्त में चर्बी की मात्रा बढ़ती है जिसके फलस्वरूप यह चर्बी रक्तवाहिनियों की दीवारों पर जमकर उन्हें सख्त और संकरी बनाती हैं। जिसके कारण ह्रदय को रक्त पंप करने में काफी जोर लगाना पड़ता है। इससे रक्तचाप भी बढ़ जाता है। 

Drinking Alcohol (मदिरापान या शराब पीना)               

मदिरापान भी ह्रदय के लिए हानिकारक होता है। इसमें अल्कोहल होता है जिसका प्रभाव जिगर, आमाशय, दिल और तंत्रिका तंत्र पर पड़ता है। अधिक शराब पीने से सिरोसिस ऑफ़ लिवर जैसे जान लेवा रोग हो जाते हैं। विश्व के अधिकांश देशों में स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का मुख्य कारण आवश्यकता से अधिक शराब पीना है।

Obesity (मोटापा) 

मोटापा दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है। मोटे लोगों को ह्रदय रोग होने की अधिक आशंका रहती है। इसके अलावा भी अनेक रोगों की जैसे- पैरों की सूजन, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की सम्भावना बढ़ जाती है। वजन बढ़ने से शरीर में खून कम बनता है, ह्रदय की धड़कन बढ़ जाती है और शरीर आलसी हो जाता है। मोटापे के कारण धमनियों में कोलेस्ट्रॉल का जमाव अधिक तेज़ी से होता है। जिसकी वजह से रक्त वाहिनियां  संकरी हो जाती हैं और रक्त प्रवाह सुचारु रूप से नहीं हो पाता है। फलस्वरूप ह्रदय आघात(Heart Attack) की आशंका बढ़ जाती है।

Obesity Causes Heart Attack

मोटापा

Idle Life (निष्क्रिय जीवन)

जो व्यक्ति घरेलू कार्यकलापों और अपने निजी कार्यों के लिए परिश्रम करता रहता है। इसके अलावा प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम जैसे- योगा, सैर, साइकिल चलाना आदि कुछ भी एक्सरसाइज जिसकी वजह से वह अपने को सक्रिय रखता है। ऐसा करने से उसके शरीर में रक्त का भ्रमण ठीक रहता है। जबकि दूसरी तरफ निष्क्रिय जीवन जीने वाले उनमे रक्त का संचरण कम होता है ऐसे लोगों को Heart Attack  का खतरा ज्यादा रहता है।

Mental Stress (मानसिक तनाव) 

कुछ लोग अपनी छोटी- छोटी समस्याओं के लिए बहुत सोचते हैं। ऐसे लोगों में मानसिक तनाव और चिंता बनी रहती है। शारीरिक स्वास्थ्य के बिगड़ने में मानसिक तनाव का बहुत बड़ा योगदान है। मानसिक तनाव के कारण रक्तचाप बढ़ता है और ह्रदय की धड़कन तेज़ हो जाती है। यही नहीं मानसिक तनाव से गैस और कब्ज़ की शिकायत रहने लगती है। व्यक्ति को नींद न आने की शिकायत हो जाती है। इन सबका ह्रदय पर घातक प्रभाव पड़ता है। ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए तनाव और चिंता से मुक्त रहना अति आवश्यक है।

Anger And Fear (क्रोध और भय) 

जो व्यक्ति जितना अधिक क्रोध करता है उतना ही उसके ह्रदय पर अधिक दबाव पड़ता है। क्रोध करने से दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है और सांस फूलने लगती है। क्रोध करने से शरीर के अंदर ऐसे रसों का अधिक उत्पादन होता है जिससे पाचन शक्ति नष्ट होती है, गैस पैदा होती है तथा पेट में अम्लता का विकार बढ़ता है। यही नहीं भय के कारण भी ह्रदय की गति रुक जाने का अंदेशा रहता है।

Lonely Life (एकांत जीवन) 

कुछ लोग एकांत पसंद होते हैं। उनके जीवन में खेल कूद, मनोरंजन, हंसी मज़ाक आदि का कोई महत्व नहीं होता है। ऐसे लोगों के मन और मस्तिष्क शिथिल हो जाते हैं। इससे मानसिक तनाव बढ़ता है जिसके फलस्वरूप ह्रदय रोग व अन्य रोग डिप्रेशन आदि हो जाता है।

Excess Intake Of Drugs (दवाओं का अधिक सेवन) 

कुछ व्यक्तियों को दवाई का सेवन अधिक करना पड़ता है या तो वह बीमारियों के इलाज के लिए दवाई खा रहे होते है। लेकिन कुछ छोटे- छोटे रोगों के लिए किसी न किसी दवाई का सेवन करते रहते हैं जिसके फलस्वरूप उनका स्नायु मंडल कमज़ोर हो जाता है। जिसकी वजह से ह्रदय को शारीरिक रक्त आपूर्ति के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जिसकी वजह से ह्रदय की गति तेज़ हो जाती और उच्च रक्तचाप की शिकायत रहने लगती है।   

High Blood Pressure (उच्च रक्तचाप) 

उच्च रक्तचाप दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है। यह सामान्यतः धमनियों के संकुचित होने या सख्त होने से पैदा होता है। धमनियों की दीवारें वसा के कारण मोती हो जाती हैं और उनका लचीला पन कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में ह्रदय को अधिक दाब से रक्त को शरीर में भेजना पड़ता है। उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को ह्रदय आघात (Heart Attack) की सम्भावना अधिक हो जाती है।

उच्च रक्तचाप के कारण- कुछ लोगों को वंशानुगत कारणों से उच्च रक्तचाप होता है। लेकिन अधिकाँश लोगों को धमनियों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से और धमनियों के सख्त होने से उच्च रक्तचाप हो जाता है। मानसिक तनाव भी उच्च रक्तचाप का कारण है।    

Diabetes (मधुमेह) 

ह्रदय रोग के लिए मधुमेह भी एक घातक बीमारी है। इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों को दिल के दौरे की अधिक आशंका रहती है।

Wrong Diet (गलत आहार) 

यदि उचित आहार हमें जीवन देता है तो अधिक आहार जीवन ले भी सकता है। ह्रदय का आहार से सीधा सम्बन्ध है। जो लोग जरूरत से ज्यादा वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, निश्चित रूप से वह अपने दिल के साथ खिलवाड़ करते हैं। अधिक चिकनाई युक्त भोजन हमारे दिल के लिए जहर का काम करता है। मसाले वाला चटपटा आहार, अधिक मिठाइयां, बाजार में बिकने वाले ठन्डे पेय पदार्थ ह्रदय के लिए अत्यंत घातक होते हैं।

Lungs And Kidney Disorders (फेफड़े, गुर्दे के विकार)  

यदि किसी व्यक्ति के फेफड़े और गुर्दे किसी रोग से पीड़ित हैं तो उसे ह्रदय रोग हो सकता है। इसका कारण यह है कि फेफड़े और गुर्दे रक्त को शुद्ध करने का काम करते है। यदि इन अंगों में से कोई भी अंग रोगी है तो, रक्त पूरी तरह से शुद्ध नहीं हो पाता है। अशुद्ध और विकार युक्त रक्त ह्रदय के लिए घातक होता है और Heart Attack कर सकता है।

Other Reasons Of Heart Diseases (ह्रदय रोग के कुछ अन्य कारण)    

  1. यह पाया गया है कि जिन लोगों के रक्त में यूरिक एसिड अधिक होता है उन्हें ह्रदय रोगों की आशंका अधिक होती है।
  2. रक्त में लोहे(Iron) की अधिक मात्रा भी ह्रदय रोगों का प्रमुख कारण है। अतः यह आवश्यक है कि रक्त में आयरन की मात्रा को बहुत अधिक न बढ़ने दिया जाए।
  3. यह देखा गया है कि पुरषों में ह्रदय रोग स्त्रियों की तुलना में अधिक होता है।
  4.  इसके अलावा जो लोग मीठे पानी के क्षेत्रों में रहते हैं, उन्हें खारे पानी वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की तुलना में Heart Attack अधिक होता है।                                                                                                                                                                                                fruits and vegetables                       फल एवं सब्ज़ियां                          

Prevention From Heart Attack ( हार्ट अटैक से बचाव)

  1. अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करें। यह देखें की आप सक्रिय जीवन जी रहें हैं या नहीं ?
  2. प्रतिदिन 30-40 मिनट का व्यायाम करें। व्यायाम अपनी उम्र, शरीर और क्षमता के हिसाब से ही चयन करें। सैर, योगा, साइकिलिंग, स्विमिंग, एरोबिक्स आदि जो आपके शरीर को सूट करे उतना ही करें, लेकिन नियमित करें।
  3. मैडिटेशन को भी अपनाये। घर और अपने ऑफिस कार्य का तनाव अपनी सेहत पर न पड़ने दें।
  4. इस बात का विशेष रूप से ध्यान दें कि 1 हफ्ते में 300 मिनट से अधिक व्यायाम न करें ।
  5. सामाजिक गतिविधियों या अपने सामाजिक मेल जोल को बढ़ाएं, बातचीत करें, हंसी मज़ाक को अपने जीवन में बढ़ावा दें।
  6. थोड़ा समय अपने लिए भी निकालें और आपकी जो भी hobbies हो उनके लिए भी समय निकालें।
  7. अपने आहार में हरी सब्जियां, फल अवश्य शामिल करें। जंक फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक से परहेज़ करें। शुद्ध, ताज़ा, सात्विक भोजन ही करें।
  8. स्मोकिंग, अल्कोहल, तम्बाकू और नशीले पदार्थों से बचें।
  9. ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की जांच करवाते रहें।
  10. 6-7 घंटे की नींद अवश्य लें। रात को जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने का प्रयास करें।                                

Conclusion (निष्कर्ष) 

ह्रदय रोग और Heart Attack एक ऐसी जटिल समस्या है जो नित बढ़ती ही जा रही है। इसका प्रमुख कारण ह्रदय और उसके विकारों के विषय में हमें जानकारी का आभाव है। यदि हम इन जानकारियों के प्रति सजग रहें, अपने लाइफस्टाइल, आहार-विहार को सुधारें, मैडिटेशन, योग, व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं तो निश्चित रूप से इस घातक बीमारी को काबू में कर सकते हैं।   

 

 

 

 


Kavita Singh

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