Goa – 10 मर्म व रोचक स्थान आपके भ्रमण को यादगार बना देंगे
गोवा का नाम लेते ही आप के मन में एक चित्र अंकित हो जाता है। जिसमें सुनहरी रेत से सजे समुद्र तट, आकाश को छूते हुए ताड़ के वृक्ष और ढेर सारी मस्ती।गोवा वास्तव में भारत के अन्य हलचल भरे शहरी पर्यटक स्थलों से बिलकुल अलग है। यहाँ करीब 25 समुद्र तट हैं, साथ ही पुर्तगाली प्रभावित व्यंजन, ऐतिहासिक चर्च, किले, मंदिर, जीवंत वन्य जीवन और आकर्षक मसाला फार्म भी हैं। हम आप को गोवा की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में अभी भी बहुत कम लोग जानते हैं। Goa – 10 मर्म एवं रोचक स्थल आप के भ्रमण को यादगार बना देंगे।
गोवा ( सनसेट )
Goa – 10 मर्म व रोचक स्थान :
1. Goa – हरवालेम वॉटरफॉल :
हरी भरी ढलानों पर दूधिया, स्वच्छ व सफ़ेद पानी का करीब 50 मीटर ऊँचा ये झरना आपकी थकान को मिटा देगा।
यदि आप पिकनिक के समय पूर्ण गोपनीयता की तलाश में हैं, या प्रकृति में कुछ समय बिताना चाहते हैं तो यह आप के लिए उपयुक्त स्थान है।
हरवालेम वाटर फॉल
इतिहास :
इस जलप्रपात का एक आकर्षक इतिहास भी है। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ पर राजपूत भाड़े के सैनिकों, जिनको “राणे” के नाम से जाना जाता था, को ब्रिटिश सरकार द्वारा बसने के लिए भेजा गया था। यह 19वीं शताब्दी में उनके विद्रोह का स्थल भी था।
यहीं पर बौद्ध भिक्षुओं द्वारा उकेरी गयी अरवालेम चट्टान को काट कर बनाई गयी गुफाएं और रुदेश्वर मंदिर जैसे अन्य छुपे हुए स्थान हैं।
2. Goa – अरवालेम गुफाएं
जो लोग ऐसा मानते हैं कि गोवा का पूरा इतिहास पुर्तगाली है, उनको अरवालेम गुफाएं इसकी पुष्टि करेंगी। इन गुफाओं का निर्माण छठी शताब्दी इसा पूर्व का है। इसमें मिश्रित वास्तुकला को दिखाया गया है। अरवालेम गुफाओं को उनके पांच अलग अलग डब्बों के कारण पांडव गुफाओं के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अपने अज्ञातवास के दौरान पांडव यहाँ रुके थे।
अरवालेम गुफाएं
इन गुफाओं की सादगी और देहाती प्रवृति इन्हें काफी ख़ास बनाती हैं। ग्रेनाइट से उकेरे गए शिवलिंग इन डब्बों के भीतर आसनों पर खड़े हैं। इसके अलावा इन रॉक गुफाओं में से एक में 7वीं शताब्दी के संस्कृत और ब्राह्मी भाषाओँ के शिलालेख भी हैं।
3. गोवा – कम्बर्जुआ नहर :
यह खारे पानी का एक संकरा खंड है जिसकी लम्बाई 15 किलोमीटर है। यह गोवा की दो नदियों मंडोवी और जुआरी को जोड़ता है।
कम्बर्जुआ नहर
कम्बर्जुआ द्वीप पुर्तगालियों और बीजापुर क्षेत्रों के बीच एक नो मेंस लैंड था। इसलिए यहाँ पाए जाने वाले मगरमच्छों को आक्रमणकारियों को रोकने के लिए लगभग 100 साल पहले इस खारे पानी में लाया गया था। कम्बर्जुआ नहर के बैकवाटर में आप क्रोकोडाइल सफारी और बर्ड वाचिंग का मज़ा ले सकते हैं।
4. Goa – क्वेरिम बीच :
यदि आप एक ऐसे समुद्र तट की तलाश कर रहे हैं, जो पूर्णरूप से शांत हो तो क्वेरिम बीच पर जाएँ। गोवा का सबसे उत्तरी समुद्र तट लहलहाते ताड़ और कैसुरीना के पेड़ों का घर है।
मापुसा से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं। इस सफ़ेद रेतीले समुद्र तट का व्यवसायीकरण नहीं किया गया है। इसलिए यह एक शांत वातावरण, विशेष रूप से हनीमून मनाने वालों को आकर्षित करता है। अगर आप अपने पार्टनर के साथ एकांत में कुछ समय बिताना चाहते हैं, तो क्वेरिम बीच आपकी इच्छा से बिलकुल मेल खाता है।
क्वेरिम बीच
समुद्र तट पर कुछ झोपड़ियां ताज़ा और स्वादिष्ट समुद्री भोजन परोसते हैं।
यहाँ आप एक नदी को अरब सागर से मिलते हुए देख सकते हैं। नदी के उस पार प्राचीन पुर्तगाली किले का शानदार दृश्य दिखता है, जो अब एक रिसोर्ट है। एक फेरी सेवा आपको हर 30 मिनट में तेरेखोल फोर्ट पहुंचाती है।
5. Goa – तिरकोल फोर्ट :
तेरेखोल फोर्ट गोवा
इतिहास :
तेरेखोल किले का निर्माण सावंतवाड़ी के राजा महाराजा खेम सावंत भोंसले ने 17वीं शताब्दी में करवाया था। बाद में इसे पुर्तगालियों ने अपने अधिकार में ले लिया था। 1961 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस किले का उपयोग स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक आधार के रूप में किया गया था।
सेंट ऍंथोनी चर्च :
किले के अंदर सेंट ऍंथोनी ने नाम से एक 100 साल पुराना चर्च है। इस चर्च का निर्माण विजयी सेनापति डी अल्मेडा के आदेश पर हुआ था। चर्च मूल रूप से होली ट्रिनिटी को समर्पित था लेकिन बाद में सेंट ऍंथोनी का चर्च बन गया। वैसे तो ये चर्च आम पब्लिक के लिए बंद रहता है पर कभी कभी सोमवार को इसमें सामूहिक आयोजन होते हैं।
किले के अवशेषों को अब तेरेखोल फोर्ट हैरिटेज के नाम से एक होटल में बदल दिया गया है।
किला तेरेखोल गोवा के सबसे भव्य व संरक्षित किलों में से एक है। तेरेखोल नदी के संगम पर खड़े होकर यह समुद्र और नदी के पानी के संगम के साथ साथ कलाचा और क्वेरिम बीच के विहंगम दृश्य प्रदान करता है।
6. गोवा – चोरला घाट :
गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र की सीमाओं को जोड़ता हुआ चोरला घाट पणजी के उत्तर पूर्व में स्थित है। यह घाट अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। खूबसूरत पश्चिमी घाटों का एक हिस्सा जो अपने भव्य झरनों, जैव विविधता और कुछ दुर्लभ प्रजातियों के लिए प्रसिद्द है।
चोरला घाट
लगभग 800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह मानसून के दौरान बादलों में लिप्त रहता है। यहाँ कई छोटे छोटे झरने भी हैं जैसे- वज़ीरा एवं शकीरा फॉल।
7. गोवा – डॉक्टर सलीम अली बर्ड सेंचुरी :
किंग फिशर बर्ड ( डॉक्टर सलीम अली बर्ड सेंचुरी )
मंडोवी नदी में चोराओ द्वीप पर स्थित डॉ सलीम अली पक्षी अभ्यारण्य गोवा के सबसे छोटे संरक्षित क्षेत्रों में से एक है। इसका नाम भारत के एक सम्मानित और प्रसिद्द पक्षी विज्ञानी डॉक्टर सलीम अली मोइज़ुद्दीन अली के नाम पर रखा गया है। एक अच्छी तरह से सुसज्जित प्रकृति अनुसन्धान केंद्र यहाँ पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण अंतदृष्टि प्रदान करता है।
डॉक्टर सलीम अली बर्ड सेंचुरी
यह अभ्यारण्य दलदल में रहने वाले पक्षियों और जानवरों की कई सामान्य और असामान्य प्रजातियों की मेजबानी करता है। तीन स्तरों पर पक्षियों को देखने का अवसर प्रदान करने वाला एक तीन मंज़िला प्रहरी दुर्ग भी यहाँ मौज़ूद है।
आप उच्च ज्वार के दौरान वन विभाग द्वारा आयोजित नाव यात्रा का भी आनंद ले सकते हैं।
8. गोवा – कासा सेवेरिना :
अगर प्राचीन अनुभूति को आधुनिक सुविधाओं के साथ मिलाना एक कला है, तो कासा सेवेरिना ने इस कला में महारथ हासिल की है। कलंगुट समुद्र तट के पास स्थित यह कासा सेवेरिना अतीत की महिमा को फिर से बनने और स्थानीय विरासत, संस्कृति, लोकाचार और वास्तुकला के पिछले वैभव को प्रदर्शित करने का एक सराहनीय प्रयास है।
इसके मालिक मिस्टर जोसेफ सिकेरा और मिसेज फेलिसियाना कहते हैं “मेहमान के रूप में आओ,, और परिवार के रूप में जाओ”। कासा सेवेरिना उनकी दादी सेवेरिना को श्रद्धांजलि है।
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कासा सेवेरिना
इसके कमरे शास्त्रीय फर्नीचर और उम्दा पेंटिंग्स के साथ स्पेनिश सोनाटा के रोमांस को फिर से जीवंत करते हैं। यहाँ की प्रमुख चीज़ें जो आप को विस्मित कर देती हैं वे हैं सेवा, उच्च अंत आवास, एक आरामदायक वातावरण और समुद्र तट का स्थान।
यदि आप गोवा में घूमने के लिए अपनी छिपी हुई या दुर्लभ स्थानों की सूची में कुछ ख़ास और अनोखा जोड़ना चाहते हैं, तो कासा सेवेरिना इसके लिए सही नाम है।
9. Goa – पेक्वेनो द्वीप :
यह द्वीप उत्तरी गोवा में स्थित है तथा साहसिक खेलों और मौज मस्ती की चाह रखने वालों के लिए एक अविश्वसनीय जगह है।
इस द्वीप की उज्जवल प्रवाल भित्तियों तक पहुँच है, इसलिए द्वीप पर स्नोर्कलिंग करते समय विभिन्न समुद्री जीवों और समुद्री पौधों को देखना एक रोमांचक अनुभव है। इनके अलावा सैकड़ों रंग बिरंगे शैल आप के साथी रहेंगे जो आपके साथ निकटता में तैरते हैं जैसे तोता, मछली, हॉक्सबिल, कछुआ आदि।
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पेक्वेनो आइलैंड
चट्टान, रेत और नीले पानी का मेल, पानी के नीचे की दुनिया और एकांत का आनंद आप यहाँ ले पाएंगे। इसके अलावा अपने दोस्तों के साथ कैंप फायर के सामने कुछ यादगार यादें भी बना सकते हैं।
10. Goa – नेत्रावली बबलिंग लेक :
नेत्रावली झील को कई नामों से जाना जाता है जैसे बुदबुद, बुदबुदाची ताली और बबल झील।
यह झील अपने आप में एक सुन्दर प्राकृतिक चमत्कार है। कोंकणी में बड़बड़ शब्द का अर्थ बुलबुले होता है। नेत्रावली के शांत गांव में स्थित यह झील अपने बुलबुलों के लिए प्रसिद्द है। झील के तल से नियमित अंतराल पर बुलबुले उठते हैं और सतह पर फूटने से आकर्षक संकेंद्रित वृत्त या पानी में लहरें बनती हैं।
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नेत्रवाली बबलिंग लेक
इस झील की एक और आकर्षक और अस्पष्ट घटना ये है, कि जब कोई तालाब के पास ताली बजाता है तो बुलबुले तेज हो जाते हैं। हालाँकि इसको झील कहा जाता है, यह एक तालाब है जिसमे ग्रेनाइट की सीढ़ियां हैं। झील के केंद्र में एक विशाल कुर्सी भी है।
यहाँ के स्थानीय लोगों के लिए यह झील विशेष महत्व रखती है। कुछ लोगों का दावा है कि बुलबुले स्थानीय देवता के काम हैं, अन्य लोगों का मानना है कि वे कार्बन या सल्फर डाइऑक्साइड गैस की उपस्थिति के कारण हैं। कुछ का मत है कि ध्वनि का बुलबुलों के बनने से कुछ लेना देना है, हालाँकि अभी तक कोई वैज्ञानिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
नेत्रावली झील के पास गोपीनाथ मंदिर भी एक धार्मिक एवं प्रसिद्द स्थान है।
- Coonoor – कुन्नूर, नीलगिरि हिल्स पर बसा हिल स्टेशन
- Jibhi – जीभी के दर्शनीय स्थल एवं रोचक गतिविधियां
- Ajanta Caves – मनोहारी अजंता गुफाओं की रोचक विशेषताएं