Giloy – गिलोय चमत्कारिक इम्युनिटी बूस्टर के फायदे
हमारी प्रकृति माँ द्वारा दिया गया एक अमूल्य उपहार है गिलोय । ऐसे कितने ही औषधीयगुण वाले पौधे हैं जो प्राचीन समय से ऋषि मुनियों द्वारा अनेक बीमारियों को ठीक करने में प्रयुक्त होते आ रहे हैं। Giloy एक चमत्कारिक गुण वाला पौधा भी कह सकते हैं क्योंकि यह एक पौधा अनेक बिमारियों को ठीक करने की ताकत रखता है। आज हम Giloy चमत्कारिक इम्युनिटी बूस्टर के फायदे के बारे में जानेंगे।
Giloy — यथा नाम तथा गुण —
गिलोय
आयुर्वेद में गिलोय को अमृत बेल भी कहा जाता है। कारण है न तो यह खुद मरती है और न ही सेवन करने वालों को कोई रोग होने देती है। गिलोय अमृता अर्थात कभी न सूखने वाली बेल है। गिलोय का सेवन हर उम्र के लोग कर सकते हैं। बहुत अधिक छोटे बच्चो को इसका सेवन नहीं कराना चाहिए।
यह जिस पेड़ पर चढ़ती है उस वृक्ष के गुणो को भी अपने अंदर ले लेती है। अतः नीम पर चढ़ी गिलोय सबसे अधिक अच्छी मानी जाती है। यह चमत्कारिक जड़ी बूटी दस्त जैसे सामान्य रोग से लेकर कैंसर, डेंगू जैसे घातक रोगो में भी लाभदायक है।
प्राकृतिक आवास और संरचना —
यह भारत में 1 हज़ार फिट की ऊंचाई तक सभी जगह पाई जाती है। गिलोय बेल के रूप में देश के लगभग हर कोने में पाई जाती है। खेतो की मेड़, घने जंगल, घर के बगीचे, मैदानों में लगे पेड़ो के सहारे कहीं भी प्राकृतिक रूप से घर बना लेती है।
इसके पत्ते देखने में पान की तरह और हरे रंग के होते हैं। इसका तना देखने में रस्सी जैसा लगता है। इस पर पीले व हरे रंग के फूल गुच्छों के रूप में लगते हैं तथा फल मटर के दाने जैसे लाल रंग के होते हैं।
Giloy – महत्वपूर्ण तथ्य
वैज्ञानिक नाम (लैटिन) — टीनोस्पोरा कॉर्डीफ़ोलिआ
साधारण नाम (अंग्रेजी) –GULANCHA TINOSPORA
संस्कृत नाम –उशीर
हिंदी नाम — गिलोय, गुडिच
स्वाद — कसैला, कड़वा और तीखा
तासीर –उष्ण
दोषो पर प्रभाव –त्रिदोष शामक (वात, पित्त और कफ तीनो दोषों को कम करता है)
Scientific Research (वैज्ञानिक शोध)
वैज्ञानिको ने गिलोय के पौधे में से विभिन्न प्रकार के तत्वों को प्राप्त किया है जैसे — कुमेरिंस, ग्लाइकोसाइड, अल्कोलासाइड, बरबेरिम, क्यविमोन्स, सैपोनिन्स आदि रसायन। वैज्ञानिक अध्ययन के दौरान गिलोय के अनेक लाभदायक गुण उजागर हुए हैं।
यह प्रमेहनाशक (ANTI-DIABETIC), शूलनाशक (ANTI-SPASMODIC), व्रणशोधनाशक (ANTI-INFLAMMATORY), रसायन (ANTIOXIDENT), लिवर के कार्य के लिए उपयुक्त (HEPATO PROTECTIVE) एवं रोग प्रतिकार शक्ति को नियमित रखने वाला(IMMUNO MODULATORY) पाया गया है।
विशेषज्ञों ने पाया कि गिलोय में रोग प्रतिरोधक प्रणाली (IMMUNE SYSTEM) कई तरह से बेहतर करने के गुण हैं। इसके एंटी स्ट्रेस गुण को भी प्रमाणित किया जा चुका है। बच्चों में इसके बहुत अच्छे नतीजे प्राप्त हुए। साथ ही बच्चों का I.Q भी बेहतर हुआ। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि गिलोय को अमृता कहना यथा नाम तथा गुण सही बैठता है।
गिलोय फूल
Benefits Of Giloy (गिलोय के फायदे)
1. Boost Immunity (रोग प्रतिरोधक क्षमता)
गिलोय एक चमत्कारिक बेल है। यह व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और बिमारियों से दूर रखती है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर, हमारे शरीर को विषमुक्त (DETOXIFY) करती है। इस प्रकार यह हमारे रक्त को शुद्ध करती है। हमारे लिवर और किडनी को भी ठीक रखती है।
2. For Fever (बुखार के लिए)
यह हर प्रकार के बुखार में लाभकारी है। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, स्वाइन फ्लू और यहाँ तक की कोविड 19 (कोरोना) में आने वाले बुखार व अन्य वायरल फीवर इन सभी में गिलोय रामबाण औषधि है क्योंकि यह इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करती है।
3. For Hairs (बालों के लिए)
बालों की विभिन्न समस्याएँ जैसे बालों का झड़ना, डैंड्रफ (रुसी), या स्कैल्प की अन्य समस्या इन सभी को गिलोय का सेवन करके दूर किया जा सकता है।
4. Anti Aging (एंटी एजिंग)
गिलोय में एंटी एजिंग गुण पाए जाते हैं, यह हमारे चेहरे के गहरे धब्बे, झाइयां, मुहांसे व उसके निशान, झुर्रियां आदि समस्याओं को ठीक करके हमारे चेहरे की चमक बढ़ाती है और त्वचा जवां बनाये रखती है। इसके अलावा यह हमारे शरीर में चोट लगने पर घाव का इलाज करने में भी सक्षम है अर्थात यह जल्दी घाव भरती है। इसके लिए गिलोय की पत्तियों का पेस्ट बनाकर हल्दी के साथ मिलाकर घाव वाले स्थान पर लगाया जाता है।
5. For Diabetes (डायबिटीज के लिए)
गिलोय टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी है। गिलोय हमारे रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करती है। क्योंकि यह हाइपोग्लाइसेमिक श्रेणी में आती है। यह इंसुलिन का स्राव बढ़ाने में मदद करती है।
6. For Digestion (पाचन शक्ति के लिए)
गिलोय हमारी पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त बनाती है। यह कब्ज़, अपच और एसिडिटी जैसी अन्य पाचन समस्याओं को ठीक करती है। इसके प्रयोग से भोजन का पाचन भली भांति होता है।
7. For Stress (स्ट्रेस के लिए)
आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में तनाव या स्ट्रेस एक आम समस्या बन चुका है। स्ट्रेस ही अनेक बिमारियों की वजह माना जाता है। गिलोय में एंटी स्ट्रेस गुण पाए जाते हैं जो हमारे मानसिक तनाव और चिंता को कम करते हैं। यह हमारी याददाश्त को बढ़ाती है और मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को भी ठीक रखती है। इसके निरंतर सेवन से एकाग्रता भी बढ़ती है।
8. For Eye Sight (आँखों की रोशनी)
गिलोय का सेवन करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। गिलोय के रस को शहद के साथ काजल की तरह आँखों में लगाने से व इसके (गिलोय) के रस को पलक पर लगाने से भी आँखों की रोशनी बढ़ती है।
9. For Asthma (अस्थमा के लिए)
अस्थमा के रोगियों के लिए भी गिलोय बहुत फायदेमंद होता है। अस्थमा के मरीज सर्दियों में काफी परेशानी का सामना करते हैं। ऐसे में यदि वह गिलोय के रस का सेवन नियमित रूप से करें तो इस रोग को ठीक कर सकते हैं। गिलोय कफ नाशक भी होता है।
10. For Arthritis (गठिया के लिए)
गिलोय में एंटीअर्थराइटिक एवं एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इन गुणों की वजह से गिलोय का सेवन करना गठिया रोग से पीड़ित लोगो के लिए वरदान है। यह शरीर में वात(वायु ) के प्रकोप को दूर करती है तथा जोड़ो में आयी सूजन को कम करती है। जिसकी वजह से दर्द में आराम मिलता है।
11. For Anaemia (एनीमिया में)
गिलोय का सेवन जो लोग एनीमिया रोग, जिसमे रक्त में लाल कणिकाएं कम हो जाती है उनके लिए भी बहुत कारगर है। इस रोग में व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो जाती है वह अक्सर थकान और कमजोरी महसूस करता है, साँस फूलने लगता है। इन सभी परेशानियों को आसानी से ठीक किया जा सकता है यदि गिलोय का सेवन किया जाये।
12. For Ear Cleaning (कान की सफाई के लिए)
कान का जिद्दी मेल बाहर निकलने के लिए भी गिलोय उपयोगी है। थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीसकर उबाल लें। फिर इसको ठंडा करके छान लें और इसकी कुछ बूंदें कान में डालें। एक दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर आ जाएगा।
13. For Obesity (मोटापे के लिए)
गिलोय हमारे शरीर के मेटाबोलिज्म को दुरुस्त रखती है। एसिडिटी को ख़त्म करके पाचन क्रिया बेहतर करती है। इस प्रकार हमारे शरीर की अतिरिक्त चर्बी(फैट) को जमा नहीं होने देती और जमी हुई चर्बी भी व्यायाम के द्वारा निकाली जा सकती है।
14. Increase Sexual Desire (यौनेच्छा बढ़ाती है गिलोय)
गिलोय में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो यौनेच्छा बढ़ाते हैं। यह हमारे स्ट्रेस को कम करती है। अतः यौन सम्बन्ध बेहतर बनाने के लिए भी गिलोय अति उत्तम औषधि है।
15. For Urinary Disease (मूत्र रोग के लिए)
मूत्र रोग से सम्बंधित परेशानियाँ जैसे पेशाब की नली में सूजन आना, जलन के साथ पेशाब आना या रुक रुक कर पेशाब आना। इन सभी परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है यदि गिलोय का सेवन किया जाये। क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल व एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं।
16. For Jaundice (पीलिया रोग में)
गिलोय का सेवन पीलिया रोग से ग्रस्त रोगियों के लिए काफी लाभदायक होता है।
17. For Piles (बवासीर के लिए)
बवासीर (PILES) रोग के लिए भी गिलोय काफी अच्छी औषधि मानी गयी है। बवासीर रोग काफी कष्ट प्रद है। ऐसे में गिलोय का सेवन करना इस पीड़ा से मुक्ति दिला सकता है।
गिलोय फल
गिलोय के प्रयोग का तरीका —
1. Giloy Juice (गिलोय जूस)
आजकल अलग अलग ब्रांड के गिलोय जूस बाज़ार में उपलब्ध हैं। लेकिन आप चाहे तो गिलोय का पौधा अपने घरों में भी लगा सकते हैं। यह आसानी से मिल जाता है और बहुत जल्दी बड़ा भी होता है। गिलोय की डंडियों को छीलकर इसमें पानी मिलाकर अच्छी तरह पीस लें। फिर छान कर इसे प्रातः काल सेवन करें।
2. Giloy Powder ( गिलोय पाउडर )
गिलोय पाउडर आसानी से बाजार में मिल जाता है। लेकिन आप अगर चाहे तो गिलोय की डंडियों को सुखाकर इसे मिक्सी में पीसकर घर पर भी बना सकते हैं।
3. Giloy Kadha (काढ़ा)
4-5 इंच लम्बी गिलोय की डंडी लेकर इसे अच्छे से साफ़ करके छोटा छोटा काट लें। अब इन्हे अच्छी तरह से कूट कर पानी में उबाल लीजिये, जब तक कि पानी आधा न रह जाये पकाते रहिये। अब इसे छान कर पी सकते हैं। इसको और गुणकारी बनाने के लिए इसमें तुलसी, अदरक, लौंग व काली मिर्च भी थोड़ी मात्रा में दाल सकते हैं। यह एक इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करेगा। आजकल की वायरल बिमारियों से भी बचाएगा।
4. Giloy Ghanvati (गिलोय घनवटी) —
बाजार में गिलोय की गोलियां भी आती हैं। यदि आप ताजा गिलोय प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, तो इन गोलियों का सेवन कर सकते हैं। पतंजलि गिलोय घनवटी आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
Consuming Giloy with different things is beneficial in different diseases.
(विभिन्न बिमारियों में गिलोय का अलग-अलग चीज़ों के साथ सेवन करता है फायदा)
1. अरंडी अथवा केस्टर ऑयल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट (गठिया) की समस्या से आराम मिलता है।
2. इसे अदरक के साथ मिलाकर लेने से रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है।
3. शहद और छाछ के साथ गिलोय लेने से पीलिया रोग में लाभ मिलता है।
4. नीम, आंवला व शहद के साथ गिलोय लेने से हर प्रकार के बुखार में आराम मिलता है।
5. हरड़ और धनिया को गिलोय के साथ लेने से बवासीर रोग में आराम मिलता है।
6. कब्ज़ होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाने से आराम मिलता है।
7. एसिडिटी के कारण उल्टी होने पर गिलोय और मिश्री साथ लेने से उल्टी मैं आराम आ जाता है।
Side Effects Of Giloy (गिलोय के नुकसान)
वैसे तो गिलोय का नियमित सेवन करने से कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आये हैं लेकिन फिर भी कुछ सावधानियां आवश्यक हैं।
1. गिलोय ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है, अतः जिन लोगो को कम डायबिटीज है वह इसका सेवन न करें। नियमित रूप से शुगर का स्तर जांच कराते रहें।
2. गर्भवती और स्तन पान करने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
3. पाँच वर्ष से छोटे बच्चों को गिलोय नहीं देना चाहिए।
Conclusion(निष्कर्ष)
इस प्रकार अब तक तो आप स्वयं ही समझ गए होंगे कि गिलोय कितना फायदेमंद है और यह हमारे लिए एक प्रकार से इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करता है। आज कल के परिवेश में इसका सेवन करके हम अपने को स्वस्थ रख सकते हैं।
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