Coonoor – कुन्नूर, नीलगिरि हिल्स पर बसा हिल स्टेशन
Coonoor भारत का नीलगिरि हिल्स पर बसा एक बहुत ही सुंदर हरा-भरा हिल स्टेशन है। यह समुद्र तल से 1850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। तमिलनाडु के नीलगिरि में स्थित कुन्नूर, ऊटी के बाद दूसरा बड़ा हिल स्टेशन है। यह ऊटी से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। आप टॉय ट्रेन के द्वारा भी ऊटी से कुन्नूर जा सकते हैं। यहाँ की हरी भरी शांत वादियों में टॉय ट्रेन की यात्रा करना बहुत ही सुखद अनुभव है।
Coonoor History – (इतिहास)
कुन्नूर में टोडा जाति के लोग रहा करते थे। इस स्थान का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है। प्राचीन काल से ही अनेक राजा कुन्नूर में आकर गर्मियों में यहाँ के शांत हरे भरे माहौल का आनंद लेते थे। बाद में अंग्रेज़ों के शासन काल में भी कई ब्रिटिश अफसर इस स्थान पर आकर रहने लगे और चाय के बागानों को भी स्थापित किया।
Places To Visit In Coonoor – (कुन्नूर के प्रमुख दर्शनीय स्थल)

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चाय बागान
Coonoor Tea Estate – (चाय बागान)
कुन्नूर अपने चाय बागानों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ बड़े पैमाने पर चाय के पौधे उगाये जाते हैं जिससे यह बहुत से लोगों का एक रोज़गार का साधन भी है। इन चाय बागानों में काम करती महिलाएं, टोकरी अपने पीछे लटकाये हुए पत्तियां चुनती हुई यह दृश्य बेहद सुन्दर लगता है। यहाँ चारो ओर हरियाली देखकर मन प्रफुल्लित हो उठता है। ऐसे माहौल में फोटोग्राफी करना यादों को सहेजना जैसा है।
कुन्नूर के चाय बागानों में कुछ ऐसे रास्ते भी हैं जहाँ से आप झरनों को देखने का आनंद भी ले सकते हैं। परन्तु इसके लिए आपको वहां के लोकल व्यक्ति या गाइड की आवश्यकता पड़ेगी।

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सिम पार्क
Coonoor Sim Park – (सिम पार्क)
जो भी पर्यटक कुन्नूर घूमने आते है वह सिम पार्क अवश्य देखने जाते हैं। यह बहुत ही सुन्दर पार्क है जो अपने विभिन्न प्रजातियों के पौधों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ पर लगभग एक हज़ार पौधों की किस्मे पाई जाती हैं। सिम पार्क में कुछ प्राचीन वृक्ष भी हैं जिन्हें देश के अलग अलग भागों से लाया गया है। यह पार्क कुन्नूर रेलवे स्टेशन से उत्तर की ओर लगभग 4 किमी की दूरी पर स्थित है। यह पार्क लगभग 30 एकड़ ज़मीन में फैला हुए है।
यहाँ आपको रंग-बिरंगे फूलों से सजी क्यारियां जिन्हें विभिन्न आकर दिया गया है। इस पार्क में कुछ ऐसे ढलान भी बनाये गए हैं, जिनपर मखमली घास उगाई गयी है। जिसपर आपको पर्यटक चलते और फुर्सत के पल बिताते हुए मिल जाएंगे। इसके साथ चलने के लिए पैदल पथ भी है।
सिम पार्क में वार्षिक फल एवं सब्ज़ी महोत्सव का भी आयोजन मई के महीने में किया जाता है। यहाँ आपको नीलगिरि, पाइन, कैमेलिया, बबूल, रुद्राक्ष, पीनस, दालचीनी, पीनिक्स, टरपेंटाइन, क्वरेक्स आदि पेड़ पौधे देखने को मिल जाएंगे। निश्चित रूप से यह फोटोग्राफी के लिए एक अच्छी जगह है।

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लॉज़ फॉल
Coonoor Laws Fall – (लॉज़ फॉल)
कुन्नूर आने वाले पर्यटकों को लॉज़ फॉल भी जरूर देखना चाहिए। यह कुन्नूर शहर से 7 किमी की दूरी पर नीलगिरि जिले में स्थित है, जो कि मेट्टुपालयम कुन्नूर-ऊटी मार्ग पर स्थित है। इस जगह पर्यटक और स्थानीय लोग पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। यह उनकी पसंदीदा जगह है। चारो ओर की हरियाली शांत वातावरण और 180 फ़ीट की ऊंचाई से गिरता झरना पर्यटकों का मन मोह लेता है। इस झरने का पानी एक तालाब में जाकर मिल जाता है।
इस वाटर फॉल का नाम Colonel Law के नाम पर पड़ा है। लॉज़ फॉल घूमने का सबसे अच्छा समय मानसून के बाद का है। यहाँ आप फोटोग्राफी का आनंद उठा सकते हैं।

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लैम्ब्स रॉक
Coonoor Lamb’s Rock – (लैम्ब्स रॉक)
लैम्ब्स रॉक कुन्नूर रेलवे स्टेशन से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। पर्यटक और स्थानीय लोग यहाँ छुटियों के दिन आकर पिकनिक का आनंद लेते हैं। इस जगह पर आकर आप कुन्नूर की नीलगिरि पहाड़ियों का एवं कोयंबटूर के मैदानों की सुंदरता का लुत्फ़ एक साथ उठा सकते हैं।
लैम्ब्स रॉक स्थान पर बहुत सी फिल्मों की शूटिंग भी हुई है। इस जगह का नाम कप्तान लैम्ब की नाम पर पड़ा है। यहाँ से आप लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित डॉलफिन नोज एक और खूबसूरत दर्शनीय स्थल को देखने जा सकते हैं।

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डॉलफिन नोज
Coonoor Dolphin Nose – (डॉल्फिन नोज)
डॉल्फिन नोज कुन्नूर का एक और बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। चारों ओर फैली हरियाली, चाय बागान और वहां से गुजरती सर्पाकार सड़कें आपको बहुत रोमांचित कर देंगी।
यह स्थान कुन्नूर से 12 किमी की दूरी पर तथा समुद्र तल से 1550 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसका आकार डॉल्फिन की नाक की तरह लगता है। इसी कारण यह जगह डॉल्फिन नोज कहलाती है।
यहाँ से आप कैथरीन फाल्स, नीलगिरि हिल्स तथा सूर्योदय एवं सूर्यास्त का आनंद भी ले सकते हैं। इसके साथ इस स्थान से 180 डिग्री का दृश्य देखना बेहद सुन्दर लगता है।
सर्दियों मैं यहाँ काफी फॉग( धुंध ) रहता है। अतः प्रातः काल एवं संध्या काल में दृशय भलीभांति नहीं दिख पाते हैं। कोशिश करें कि दिन या दोपहर का समय इस जगह के लिए रखें। वैसे सबसे उपयुक्त समय बरसात के मौसम का है। इस समय दृश्य बहुत अद्भुद लगता है।
यहाँ मात्र 15 रूपये एंट्री फीस है। यदि आप कैमरा ले जाते हैं तो उसकी फीस अलग से देनी होगी। आप प्रातः 9 बजे से शाम 6 बजे के बीच कभी भी इस जगह का आनंद ले सकते हैं।

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ड्रूग फोर्ट
Coonoor Droog Fort – (ड्रूग फोर्ट)
कुन्नूर में आप एक ऐतिहासिक स्थल भी घूम सकते हैं जिसे ड्रूग(DROOG) किला के नाम से जाना जाता है। यह काफी प्राचीन बताया जाता है। कुन्नूर से 15- 17 किमी की दूरी पर स्थित यह किला महाभारत काल से जुड़ा हुआ है।
इस किले के बारे में ऐसा कहा जाता है, कि महाभारत काल के समय में एक राक्षस बकासुर हुआ था। यह राक्षस इस स्थान पर रहा करता था। इसलिए इस किले को बकासुर मलाई के नाम से भी जाना जाता है।
बाद में 18 वीं शताब्दी में टीपू सुल्तान ने इस किले को अपनी चौकी बनाया था। लेकिन अब मात्र एक ही दीवार है बाकि सब खंडहर हो गया है। यह स्थान ट्रेकिंग के लिए बहुत उपयुक्त जगह है।

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हिडन वैली
Coonoor Hidden Valley – (हिडन वैली)
यह कुन्नूर का ऐसा दर्शनीय स्थल है, जो ज्यादातर पर्यटकों की दृष्टि में कम ही आता है। शायद इसी कारण इसे हिडन वैली के नाम से जाना जाता है। यह घाटी वेलिंगटन गोल्फ कोर्स के पीछे स्थित है।
यहाँ ट्रैकिंग द्वारा ही हरे भरे जंगलों को पार करके इस घाटी तक पहुंचा जा सकता है। यह बेहद ही खूबसूरत घाटी है। शायद ही कोई पर्यटक यहाँ आने के बाद इस जगह को कभी भुला पाएगा। क्योंकि इस घाटी की प्राकृतिक सुंदरता स्तब्ध कर देती है।
इस घाटी के अंदर आपको बहुत से जल स्रोत भी देखने को मिल जाएंगे। इसके साथ यह स्थान पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। क्योंकि यहाँ विभिन्न प्रकार के पक्षी आपको देखने को मिल जाएंगे।
यह स्थान उन लोगों को विशेष रूप से आकर्षित करता है जिन्हें ट्रैकिंग, माउंटेनियरिंग, रॉक क्लाइम्बिंग जैसी रोमांचक गतिविधियां पसंद हैं। हिडन वैली कुन्नूर को बाहरी ओर से चारों तरफ से घेरे हुए है।
वास्तव में फोटोग्राफी करने वालों की यह सर्वश्रेष्ठ जगहों में से एक है। चारों ओर हरे-भरे वृक्ष, पहाड़, जल स्रोत किसी स्वर्ग से कम नहीं लगते हैं।

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केटी वैली
Ketti Valley – (केटी वैली)
यह घाटी नीलगिरि जिले में ऊटी से लगभग 4 किमी तथा कुन्नूर से 12.5 किमी की दूरी पर ऊटी-कुन्नूर रोड पर स्थित है। आप यह कह सकते हैं कि यह घाटी कुन्नूर से ऊटी तक फैली हुई है।
चारों ओर नीलगिरि के नीले पहाड़, चाय बागान एवं झरनों से घिरी घाटी किसी स्विट्ज़रलैंड से कम नहीं है। इस घाटी की सुंदरता का आनंद आप 20-25 मिनट की टॉय ट्रैन यात्रा द्वारा कर सकते हैं। यहाँ पर पर्यटक ज्यादातर जिन्हें ट्रैकिंग, बर्ड वाचिंग और फोटोग्राफी का आनंद लेना पसंद है उनके लिए यह बेहतरीन दर्शनीय स्थल है।
यहाँ इस घाटी में टोडा और बडागास जनजाति के लोग प्राचीन काल से रहते आ रहें हैं। इन जनजातियों के बहुत से गावं इस घाटी में स्थित हैं। यह लोग घाटी में फल एवं सब्ज़ियों की खेती करते हैं। यहाँ एक प्रसिद्ध शिव लिंगम मंदिर भी हैं, जहाँ स्थानीय निवासी आकर पूजा करते हैं।

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रलिया डैम
Rallia Dam – (रलिया डैम)
कुन्नूर से लगभग 9 किमी की दूरी पर रलिया डैम वेलिंगटन रोड पर स्थित है। यह बाँध काफी पुराना है और कुन्नूर के लोगों को इसी के द्वारा वाटर सप्लाई की जाती है।
इस बाँध के चारों ओर नीलगिरि की पहाड़ियां और हरे भरे जंगल है जिसकी वजह से इस बाँध की सुंदरता देखने लायक होती है। यहाँ ट्रैकिंग के लिए पर्यटक आते हैं। इसके साथ आपको यहाँ मालाबार गिलहरियां और bison देखने को मिल जाएंगे।
इस बाँध की सुंदरता मानसून सीजन में और बाद जाती है। क्योंकि यहाँ चारों और हरियाली होने के साथ डैम में भी खूब पानी भरा रहता है। वातावरण सुहावना रहता है।
जब भी आप रलिया बाँध घूमने आएं तो आपको किसी लोकल व्यक्ति से रास्ता पूछना पड़ेगा क्योंकि यहाँ रास्तों में साइन बोर्ड नहीं मिलेंगे।
Weather In Coonoor – (कुन्नूर का मौसम)
कुन्नूर का मौसम गर्मियों में ज्यादा गर्म नहीं रहता है। गर्मियों में सुहावना मौसम रहता है। जबकि सर्दियों में यहाँ काफी ठंडा रहता है। यहाँ 8 डिग्री तक तापमान गिर जाता है। मानसून की बात करें तो बारिश यहाँ इतनी ज्यादा नहीं होती है। लेकिन बारिश में इस स्थान की नैसर्गिक सुंदरता देखते ही बनती है। अतः आप किसी भी मौसम में यहाँ आ सकते हैं।
कुन्नूर की यात्रा आपको अवश्य करनी चाहिए। नीलगिरि हिल्स पर बसा यह हिल स्टेशन भारत का स्विट्ज़रलैंड ही है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक अच्छा पर्यटक स्थल है। यहाँ आप आएं तो गरम कपड़े अवश्य रखें। क्योंकि पहाड़ो पर मौसम ठंडा रहता ही है, मैदानी भागों की तुलना में।
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