12 Turmeric Benefits | हल्दी – चमत्कारिक, रोगनाशक हर्ब
Indian Turmeric को विश्व में सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। जिसका कारण है इसके आनुवांशिक गुण और महत्वपूर्ण तत्व करक्यूमिन। इसकी मात्रा भारतीय हल्दी में सबसे अधिक होती है। भारत हल्दी का बड़ा उपभोक्ता भी है। तो आइए जानते हैं। 12 Turmeric Benefits, हल्दी- चमत्कारिक, रोगनाशक हर्ब के। हमारे देश में हल्दी का उत्पादन बहुत बड़ी मात्रा में लगभग विश्व का 80 % होता है। तमिलनाडु का शहर इरोड़ हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक और महत्वपूर्ण व्यवसायिक केंद्र है। भारतीय भोजन का मुख्य मसाला हल्दी ही माना जाता है।
Different Uses Of Turmeric (हल्दी का विभिन्न प्रयोग)
प्राचीन काल से ही हमारे यहाँ हल्दी का प्रयोग होता चला आ रहा है। आयुर्वेदिक दवाओं में, सौंदर्य प्रसाधनों में, प्रतिदिन बनाये गए भोजन में, धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ, शादी के शुभ कार्यो में और इसके अलावा पहले वस्त्रों को रंगने के लिए भी हल्दी का प्रयोग होता था। इसके साथ हल्दी का इस्तेमाल कारखानों में बनाये जाने वाले खाद्य पदार्थों जैसे कि डिब्बा बंद, डेरी, बेकरी उत्पादों, आइसक्रीम, केक, संतरे का जूस, बिस्कुट पॉपकॉर्न, मिठाईयाँ, आचार, जिलेटिन और केक आइसिंग में किया जाता है।
Scientific Name ( हल्दी का वैज्ञानिक नाम)
हल्दी का बोटैनिकल नाम कुरकुमा लौंगा है। यह जिंजिबरेसे कुल की सदस्य है। सामान्य भाषा में लोग हल्दी और अंग्रेजी भाषा में टरमेरिक बोलते हैं। जबकि हमारी पौराणिक भाषा संस्कृत में हरिद्रा नाम से जानी जाती है। हल्दी पौधे की जड़(Turmeric Root) से प्राप्त की जाती है। इसके पौधे की जड़े बल्ब के आकार की होती हैं।
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बायोटिक, एंटी-सेप्टिक, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-ट्यूमर इत्यादि गुण पाए जाते हैं।
हल्दी के फायदे (Benefits Of Turmeric):
अनेक रोगों के लिए हल्दी एक रामबाण, रोगनाशक औषधि की तरह काम करती है।
1. For Digestion (हल्दी के फायदे पाचन में) —
हल्दी हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट गुण के कारण पेट में गैस (वात ) के प्रकोप को कम करते हैं। हमारी आँतों में होने वाले कई रोग जैसे – अल्सर, आतों व पेट का इन्फेक्शन भी हल्दी के सेवन से ठीक होता है।
2. For Alzheimer Disease (हल्दी के फायदे अल्ज़ाइमर रोग में)
हल्दी में पाए जाने वाले तत्व करक्यूमिन (Curcumin) आदि हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं को ठीक करता है। यह हमारी स्मरण शक्ति को भी ठीक रखती है। अल्ज़ाइमर रोग को ठीक करने की भी ताक़त रखती है। इसके अलावा मस्तिष्क की सूजन को ठीक करती है और प्लाक को नहीं बनने देती है। साथ ही मस्तिष्क में ऑक्सीजन के प्रवाह को भी ठीक करती है।
3. For Weight Loss (हल्दी के फायदे वजन कम करने में) —
हल्दी के नियमित सेवन से हमारा वजन भी नियंत्रण में रहता है। इसमें पाए जाने तत्व हमारे आहार से वसा को अलग करता है।
हल्दी
4. To Heal Wounds (हल्दी के फायदे चोट ठीक करने में)
जैसा कि हम सभी जानते है प्राचीन काल से ही चोट या घाव पर हल्दी का लेप लगाने की प्रथा रही है। हल्दी में एंटी-सेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण के साथ घावों को सही करने की चमत्कारिक शक्ति है।
5. To Boost Immunity (हल्दी के फायदे इम्युनिटी बढ़ाने में)
हल्दी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। इसके एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल व एंटी-फंगल गुणों की वजह से शरीर के अंदर, बाहर से प्रवेश करने वाले सभी जीवाणुओं और विषाणुओं को नष्ट करने में सक्षम है। जिसकी वजह से हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। जो लोग हल्दी का नियमित सेवन करते हैं उन्हें सर्दी, जुखाम, खांसी और फ्लू का खतरा कम ही होता है।
6. In Lowering Cholesterol (हल्दी के फायदे कोलेस्ट्रॉल कम करने में)
हल्दी हमारे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को ठीक रखने में मददगार है। जिसकी वजह से हम ह्रदय सम्बंधित अनेक रोगों से बच सकते हैं। हल्दी का सेवन हृदय को स्वस्थ्य रखने में सहायक है और यह दिल के दौरे के खतरे को भी कम करता है।
7. In Arthritis (हल्दी के फायदे गठिया में)
हल्दी हड्डियों, जोड़ों और कंकाल तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक है। वृद्धावस्था में सबसे बड़ी समस्या गठिया की होती है। क्योंकि हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जिसकी वजह से यह जोड़ो की सूजन में राहत देती है। साथ ही यह दर्द निवारक भी होती है। जिन्हें भी गठिया की समस्या है, उन्हें प्रतिदिन हल्दी का दूध (Turmeric Milk) अवश्य पीना चाहिए।
Turmeric Powder-
इसके साथ हल्दी, मेथी (Fenugreek) और सौंठ (GINGER POWDER) बराबर मात्रा में लेकर, इनका पाउडर बनाकर मिला ले। फिर प्रतिदिन सुबह शाम 1-1 चम्मच सेवन करना लाभकारी पाया गया है।
हल्दी का पौधा
8. Turmeric For Skin (हल्दी के फायदे त्वचा के लिए)
हल्दी हमारी स्किन के लिए भी बहुत लाभदायक है। इसमें खून को साफ़ करने वाले गुण पाए जाते हैं। एक्ज़िमा, स्किन एलर्जी, फंगल इन्फेक्शन, खुजली, झाइयाँ, दाग धब्बों, सोराइसिस और सावलां पन जैसे कई त्वचा विकारो के उपचार में हल्दी बहुत ही प्रभावी व गुणकारी है। यह हमारी त्वचा की रंगत को भी निखारती है।
9. In Mensuration (हल्दी के फायदे मासिक धर्म में)
बहुत सी महिलाओं और लड़कियों में मासिक धर्म के दिनों में अधिक दर्द होता है। ऐसे में यदि पहले से ही नियमित हल्दी व सौंठ(Ginger Powder ) का सेवन किया जाए तो यह दर्द की पीड़ा को काफी हद तक कम करती है। क्योंकि हल्दी में दर्द निवारक गुण पाया जाता है।
सूखी हल्दी
10. For Cancer (हल्दी के फायदे कैंसर में)
हल्दी में पाया जाने वाला महत्वपूर्ण तत्व करक्यूमिन शरीर में बनने वाली कैंसर सेल के विकास को रोकती है। यह कैंसर सेल को नष्ट करने की भी ताकत रखती है। शरीर में होने वाली ट्यूमर ग्रोथ को रोकने में भी सक्षम है।
11. For Liver (हल्दी के फायदे लिवर के लिए)
हल्दी विषाक्त तत्वों के पाचन में या शरीर से बाहर निकलने में सक्षम है। यह खून साफ़ करती है और लिवर की क्रिया शीलता को बेहतर बनती है। इसके अलावा हमारे शरीर को DETOXIFY करती है। यह ब्लड सर्कुलेशन को भी ठीक करती है।
12. For Diabetes (हल्दी के फायदे मधुमेह में)
हल्दी हमारे शरीर के ग्लूकोज़ के स्तर को ठीक रखती है और साथ में इन्सुलिन के स्तर को भी। इसके लगातार सेवन से डायबिटीज होने का खतरा भी कम होता है
कहते हैं कि हर चीज़ का सेवन उचित मात्रा में करना चाहिए। हालाँकि हल्दी चमत्कारिक गुणों की खान है। फिर भी इसके कुछ नुकसान भी हैं।
हल्दी का पौधा पुष्प युक्त
Side Effects Of Turmeric (हल्दी के नुकसान)
1. जिन लोगों को किडनी स्टोन की समस्या है उन्हें सीमित मात्रा में हल्दी का सेवन करना चाहिए।
2. हल्दी का सेवन जब पीलिया रोग (JAUNDICE) होता है तो डॉक्टर मना करते हैं।
3. अधिक मात्रा में हल्दी लेने से आयरन की कमी (ANAEMIA) हो जाती है।
4. कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट लेते हुए भी हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए।
5. हल्दी की तासीर गर्म होती है। इसके सेवन से डायबिटीज होने का खतरा भी कम होता है।
Turmeric Milk Or Golden Milk( हल्दी वाला दूध)
हल्दी वाला दूध सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। विशेषकर सर्दियों में या जो लोग ठन्डे इलाकों में रहते हैं उनके लिए यह लाभकारी होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण आपके शरीर की immunity को बढ़ाता है। जिसके कारण आप इन्फेक्शन और बीमारियों से बचे रहते हैं।
हल्दी वाला दूध कौन पी सकता है ?
- जिन लोगों को जोड़े के दर्द की समस्या यानि Joints Pain या Joint Inflammation( जोड़ों में सूजन) रहता है उन्हें हल्दी वाला दूध बहुत फायदा पहुंचाता है।
- यह सर्दी जुकाम, खांसी, कफ, दमा, साइनस, ब्रोंकाइटिस या फेफड़ों से संबधित रोग में भी बहुत लाभ पहुंचाता है।
- मौसमी वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन, फीवर आदि में भी इसको पिया जा सकता है।
- चोट लगने पर होने वाले दर्द एवं पीड़ा को भी यह दूर करता है। इसके साथ जख्म भी जल्दी भरता है।
हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए ?
- गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अपने डॉक्टर से परामर्श के बाद ही किसी भी चीज़ का सेवन करना चाहिए।
- यदि आप किसी रोग से सम्बंधित दवाइयां ले रहे हैं, तब भी बिना डॉक्टर की सलाह के हल्दी वाला दूध न पीएं।
- जिन लोगों को दूध या अन्य खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो जाती है, वह भी इस Golden Milk का सेवन न करें।
- इसके अलावा जो लोग डायबिटिक हैं और मेडिसिन( दवाइयां ) ले रहे हैं उन्हें भी हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए। क्योंकि हल्दी में उपस्थित Curcumin , ब्लड शुगर लेवल को कम कर देता है।
- जिन व्यक्तियों को किडनी स्टोन ( Kidney Stone) या (kidney) गुर्दे से सम्बंधित रोग हैं। उन्हें भी हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए।
Golden Milk Recipe –
सामग्री :
- 1 कप दूध (125 ml)
- 1/4 tbs हल्दी पाउडर
- 1/4 tbs इलायची पाउडर या 1-2 इलायची(Cardamom)
- 1 चुटकी(Pinch) काली मिर्च ( Black Pepper)
- 1/8 tbs सौठ(Ginger Powder)
- 1-2 tbs शहद (Honey)
विधि :
- दूध पकाने के लिए एक बर्तन लें।
- उसमे 1 कप दूध और ऊपर लिखी गयी सभी सामग्री, शहद को छोड़कर डाल लें।
- अब चम्मच की सहायता से इस मिश्रण को चलाए।
- जब सभी चीज़े अच्छे से मिल जाए तब 4-5 मिनट धीमी आंच पर पकाएं।
- जब तक की हल्दी अपना गोल्डन रंग नहीं दे देती।
- अब इस हल्दी वाले दूध या Golden Milk को छलनी की सहायता से छान लें।
- जब यह दूध हल्का गर्म रह जाए तभी शहद डालें और चम्मच की सहायता से मिलाएं।
लीजिये Healthy Golden Milk तैयार हो गया। आप चाहे तो उपरोक्त सामग्री में सिर्फ हल्दी डाल कर भी दूध पका सकते हैं।
ध्यान रखें : शहद का प्रयोग गर्म दूध या दूध उबालते समय न करें। इस स्थिति में यह हानिकारक हो जाता है। शहद हमेशा ठंडा दूध या गुनगुना होने के उपरांत ही डालें।
Conclusion (निष्कर्ष)
अतः हल्दी को औषधि की तरह उपयुक्त मात्रा में ही लेना चाहिए। यदि आपका कोई विशेष इलाज़ चल रहा है तो डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए। वैसे हल्दी हम भारतियों के भोजन का अभिन्न अंग है। यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ सौंदर्य भी बढ़ाती है। आवश्यकता इस बात की है, कि इसका हम सही उपयोग किस प्रकार करते हैं।
यह लेख आपकी समस्या को सुलझाने में मददगार साबित होगा। आपको कैसी लगी यह जानकारी कमेंट बॉक्स में लिख कर बताएं।
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