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10 Herbs For Sore Throat(गला ख़राब), Causes, Home Remedies


आज की भाग दौड़ की दुनिया में, वायु प्रदूषण के संपर्क में आना और संक्रमण का खतरा आम चिंताएं हैं जो हमारे स्वास्थ्य, विशेष रूप से हमारे श्वसन तंत्र और गले पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं। सौभाग्य से, प्रकृति हमें बहुत सी जड़ी- बूटियां प्रदान करती है जो हमारे गले की रक्षा करने और हमारे समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में हमारी मदद करते हैं। इस लेख में, हम 10 Herbs For Sore Throat ( गला ख़राब ) Causes & Remedies के बारे में जानेंगे। इन जड़ी-बूटियों, के लाभों, उनका उपयोग कैसे करें, और उनके औषधीय और पोषण मूल्यों के बारे में जानेंगे।

10 Herbs For Sore Throat —

Mulethi (Licorice)_ Sore Throat

मुलेठी

मुलेठी  (Licorice – Glycyrrhiza glabra for Sore Throat) :

फायदे (Benefits)

मुलेठी की मीठी जड़ में सुखदायक गुण(soothing property) पाए जाते हैं जिसके कारण यह गले की जलन, खराश एवं सूजन को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा यह सर्दी, खांसी और दमा जैसे रोगों में श्वसन प्रणाली के संक्रमण को ठीक करने में बहुत सहायक होती है।

कैसे प्रयोग करें (How to use) –

गर्म पानी में जड़ को डुबाकर लिकोरिस चाय बनाएं। इसकी जड़ का पाउडर भी मिलता है आप 1/2 चम्मच लिकोरिस पाउडर को पानी में उबाल कर चाय बना ले फिर इससे गरारे करें या चाय पिएं।

औषधीय मूल्य (Medicinal Value)

मुलेठी में ग्लाइसीराइज़िन होता है, जो सूजन-रोधी और रोगाणुरोधी गुणों वाला एक सक्रिय यौगिक है। इसके अलावा मुलेठी में विटामिन बी, विटामिन ई, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, पोटैशियम, सेलेनियम, जिंक आदि खनिज लवण एवं phytonutrients भी पाए जाते हैं।   

अदरक  ( Ginger – Zingiber officinale for Sore Throat) :

फायदे (Benefits) –

अदरक में सूजन-रोधी, दर्द निवारक और प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुण होते हैं, जो इसे गले के संक्रमण और सूजन के खिलाफ प्रभावी बनाता है। इसके साथ यह हमारी पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है। गैस, अपच, पेट दर्द जैसी समस्याओं को भी दूर करता है।    

कैसे उपयोग करें (How to use) –

अदरक की चाय बनाएं, या ताज़ा अदरक के टुकड़े चबाएँ। आप अदरक का इस्तेमाल खाना बनाने में भी कर सकते हैं।

औषधीय महत्व (Medicinal Value) –

अदरक में जिंजरोल होता है, जो शक्तिशाली सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव वाला एक यौगिक है। अदरक के इन्हीं गुणों की वजह से यह पाचन क्रिया को बढ़ाता है, जी मिचलाना, सिर दर्द एवं सर्दी फ्लू जैसी बीमारियों में बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है। इसके अलावा वजन कम करने, ब्लड शुगर एवं कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में भी सहायक है। यही नहीं गठिया, इन्फेक्शन से लड़ने में, अल्ज़ाइमर और कैंसर जैसे रोगों से भी बचाता है। 

हल्दी(Turmeric – Curcuma longa for Sore throat) :

फायदे (Benefits) –

हल्दी के सक्रिय यौगिक, करक्यूमिन में मजबूत सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो गले को आराम देने और उसकी रक्षा करने में मदद करते हैं। इसके साथ हल्दी पाचन क्रिया, अल्ज़ाइमर, वजन घटाने, घाव भरने, इम्युनिटी को बढ़ाने, कोलेस्ट्रॉल कम करने तथा गठिया के रोगियों के लिए बहुत प्रभावकारी सिद्ध हुई है।    

कैसे उपयोग करें (How to use ) –

गले की खराश के लिए अपने भोजन में हल्दी जोड़ें, हल्दी की चाय बनाएं या शहद के साथ पेस्ट बनाएं। इसके अलावा हल्दी वाला दूध (1/4 हल्दी + 1 गिलास दूध उबालकर ) भी फायदा करता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को तथा जिन रोगियों की दवाइयां चल रही है उन्हें भी नहीं लेना चाहिए।  

औषधीय मूल्य (Medicinal Value ) –

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन संक्रमण से लड़ने सहित कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बायोटिक, एंटी-सेप्टिक, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-ट्यूमर इत्यादि गुण पाए जाते हैं। 

12 Turmeric Benefits | हल्दी चमत्कारिक रोगनाशक हर्ब 

शहद  (Honey – Apis mellifera for Sore Throat) :

फायदे (Benefits) –

शहद में प्राकृतिक जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो गले के संक्रमण और खांसी को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह पाचन क्रिया, वजन कम करने, इम्युनिटी बढ़ाने में भी बहुत प्रभावकारी होता है।    

कैसे उपयोग करें (How to use) –

शहद को गर्म पानी या हर्बल चाय के साथ मिलाएं, या सीधे चम्मच से इसका सेवन करें। शहद में अदरक का रस और एक चुटकी काली मिर्च  मिलाकर खाने से भी sore throat में लाभ मिलता है। लेकिन शहद को कभी भी गर्म पानी में उबालना या बहुत अधिक गरम पानी में भी नहीं डालना चाहिए।  

औषधीय महत्व (Medicinal Value) –

शहद एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और गले की जलन को कम करने में मदद करता है। यही नहीं शहद में एंटीबैक्टीरियल व एंटीसेप्टिक गुण भी होते है। इसके अलावा विटामिन जैसे राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन बी 6, विटामिन सी भी पाए जाते हैं। 

Echinacea _ Sore Throat

इचिनेशिया

इचिनेशिया (Echinacea – Echinacea purpurea for Sore throat) :

फायदे (Benefits) –  

इचिनेशिया जिसे पर्पल कोन फ्लावर के नाम से भी जाना जाता है। यह हमारे (immune system) प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने वाले प्रभावों के लिए प्रसिद्ध है। इसका प्रयोग सर्दी जुकाम(common cold), फ्लू , माइग्रेन, सूजन कम करने, ब्लड शुगर लेवल को कम करने आदि में प्रयोग किया जाता है।    

कैसे उपयोग करें (How to use) –

इचिनेशिया की आप चाय बना सकते हैं। इसके साथ इचिनेशिया पाउडर फॉर्म में इसे  300 – 500 mg और इचिनेशिया लिक्विड फॉर्म में लगभग 10 ml दिन में तीन बार लिया जा सकता है। 

औषधीय महत्व (Medicinal Value) –

इचिनेशिया प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। इसमें कैफ़िक एसिड, फेनोलिक एसिड, पॉली ऐसीटिलीन, रोज मेरिनिक एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। 

Sage - Sore Throat

तेज पत्ता – सेज

तेज पत्ता (Sage – Salvia officinalis for Sore throat) :

फायदे (Benefits) – 

तेजपत्ता(Sage) में रोगाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं जो गले की परेशानी को कम करने में मदद कर सकते हैं। तेजपत्ता जहाँ रसोई में प्रयुक्त होने वाला एक महत्वपूर्ण मसाला है जो कि पकवान का स्वाद तो बढ़ाता ही है साथ में आयुर्वेद में भी इसका बहुत महत्त्व है। इसका उपयोग माइग्रेन, डिप्रेशन और अल्ज़ाइमर, पाचन क्रिया, पेट दर्द, वेट लॉस, एसिडिटी, डायरिया, मीनोपॉज में होने वाली परेशानियां, नींद न आना आदि में प्रयोग होता है।        


कैसे उपयोग करें (How to use) –

सेज चाय से गरारे करें या इसे गले के स्प्रे के रूप में उपयोग करें। ध्यान रखें कि तेज़पत्ता का लगातार 2 महीने से ज्यादा इस्तेमाल न करें। इसके साथ यदि मात्रा कि बात करें तो 280-1500 mg तक की मात्रा ले सकते हैं। लेकिन डाइबिटिक और प्रेग्नेंट औरतें  इसे न लें।  


औषधीय महत्व (Medicinal Value) –       

सेज में आवश्यक तेल और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो गले को आराम दे सकते हैं। इसमें एंटीबायोटिक गुण भी पाए जाते हैं। इसके अलावा एंटी इन्फ्लमेट्री, एंटी कैंसर गुण भी पाए जाते हैं। यह बायोएक्टिव कंपाउंड का भी अच्छा स्रोत है जैसे – अल्कॅलॉइड्स, फ्लवोनोइड्स, सैपोनिन्स, स्टेरॉइड्स, टरपेनोइड्स आदि। इसकी पत्तियों में thujone , limonene , humulene , camphor , camphene जैसे phytochemicals पाए जाते हैं।  

पुदीना (Peppermint – Mentha × piperita for Sore throat) :

फायदे (Benefits) –

पुदीना गले पर ठंडा प्रभाव डालता है और जलन को कम कर सकता है। यह सर्दी जुकाम, व खांसी में बहुत प्रभावकारी है। इसके अलावा पाचन सम्बंधित परेशानियां जैसे गैस, बदहज़मी, दस्त, पेट दर्द में यह बहुत लाभ पहुंचाता है। इसके अलावा सिर व दांत दर्द में भी यह बहुत असरदार है। इसके तेल का प्रयोग बालों एवं स्किन के लिए भी बेहद फायदेमंद है।         

कैसे उपयोग करें (How to use) –

Sore Throat ( गले ख़राब ) से राहत के लिए पुदीने की चाय बनाएं या चाय के वाष्प को अंदर लें। 

औषधीय महत्व (Medicinal Value) –

पुदीना में मेन्थॉल होता है, जिसमें एनाल्जेसिक गुण होते हैं। इसके साथ इसमें एंटी माइक्रोबियल गुण भी पाए जाते हैं 

Marshmallow Root _ Sore Throat

मार्शमैलौ रूट

मार्शमैलो रूट (Marshmallow Root – Althaea officinalis for Sore throat) :

फायदे (Benefits) –

मार्शमैलो जड़ गले ख़राब, खांसी, सर्दी, कफ एवं रेस्पिरेटरी ट्रैक से सम्बंधित बीमारियों में बहुत आराम पहुँचाती है। जिससे जलन से राहत मिलती है। इसके फायदों की बात करें तो स्किन को UV रेज़ से बचाता है, एक्जिमा को ठीक करता है। यही नहीं बालों की समस्या को दूर, जख्म भरता है, पाचन में सहायक, पेट की समस्या जैसे दर्द, गैस, सूजन को कम करने में मददगार है। इसके साथ यह दर्द निवारक, मूत्रवर्धक ह्रदय को भी स्वस्थ रखता है।              

कैसे उपयोग करें (How to use) –

मार्शमैलो रूट चाय बनाएं या इसे सिरप के रूप में उपयोग करें।

औषधीय महत्व (Medicinal Value) –

मार्शमैलो जड़ में म्यूसिलेज होता है, एक ऐसा पदार्थ जो गले में एक सुरक्षात्मक परत बनाता है और बैक्टीरिया को बढ़ने से भी रोकता है। इसके साथ इसमें पॉली सेकराइड पाए जाते जिसमे एंटीट्यूसिव गुण होता है जो कफ पर काफी प्रभावकारी सिद्ध हुआ है।    

Thyme _ Sore Throat

थाइम

थाइम (Thyme – Thymus vulgaris) : 

फायदे (Benefits) – 

थाइम में जीवाणुरोधी गुण होते हैं और यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह पुदीना परिवार की एक हर्ब है जो गुणों से भरपूर है। इसके बहुत से फायदे हैं जैसे – यह कफ निकालने में, श्वसन सम्बंधित समस्या, सर्दी, खांसी ठीक करता है। इसके अलावा यह ह्रदय के लिए भी उत्तम है। थाइम हाई ब्लड प्रेशर को भी कम करता है। यह इम्युनिटी को बढ़ाने के साथ हमारे तनाव को कम करके मूड भी ठीक रखता है।       

कैसे उपयोग करें (How to use) –

थाइम की चाय बना कर पी सकते हैं या इसको खाना पकाने में थाइम मसाला के रूप में उपयोग करें। Thyme Tea , कफ एंड कोल्ड के लिए बहुत असरदार है। 

औषधीय मूल्य (Medicinal Value) –

थाइम में थाइमोल होता है, जो रोगाणुरोधी गुणों वाला एक सक्रिय यौगिक है। इसमें एंटीसेप्टिक व एंटी फंगल गुण भी मौजूद होते हैं। थाइम में  एंटीऑक्सीडेंट भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा थाइम में विटामिन्स – B complex , C, K , Folic  Acid , और मिनरल्स – पोटैशियम, सेलेनियम, आयरन, कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।     

Oregano _ Sore Throat

ओरिगैनो

ओरिगैनो- अजवाइन के पत्ते (Oregano – Origanum vulgare) :

फायदे(Benefits) – 

ओरिगैनो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है और इसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं। इसके बहुत से फायदे हैं यह कफ, कोल्ड, अस्थमा, अपच, ऐंठन, दस्त, त्वचा के घाव, मांस पेशियों के दर्द, कैंसर, ह्रदय रोग, डायबिटीज, आर्थराइटिस सभी प्रकार के रोगों पर बहुत प्रभावकारी है। यह इम्युनिटी बूस्टर भी है।         

कैसे उपयोग करें (How to use) –

अजवायन के पत्तों के तेल का उपयोग करें, या अपने भोजन में ताजा या सूखे अजवायन के पत्ते को शामिल करें। इसके अलावा आप ओरिगैनो की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। पिज़्ज़ा में ओरिगैनो एक आवश्यक सामग्री है। 

औषधीय मूल्य (Medicinal Value) –

अजवायन में कार्वाक्रोल, एक शक्तिशाली रोगाणुरोधी यौगिक होता है। इसके साथ इसमें थाइमोल, विटामिन्स- K , E , C तथा मिनरल्स – आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज आदि पाए जाते हैं। ओरिगैनो एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटी इंफ्लमेट्री, एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से युक्त होती है।   

कारण (Causes Of Sore Throat) :

गले में खराश, जिसे ग्रसनीशोथ भी कहा जाता है, वायरल संक्रमण से लेकर पर्यावरणीय परेशानियों तक विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है। गले में खराश के कुछ सामान्य कारण हैं —

विषाणु संक्रमण(Viral Infections) –

सामान्य सर्दी : गले की अधिकांश खराश सामान्य सर्दी से जुड़े वायरस जैसे राइनोवायरस के कारण होती है।

फ्लू (इन्फ्लुएंजा) : इन्फ्लूएंजा वायरस अन्य श्वसन लक्षणों के साथ-साथ गले में अधिक गंभीर खराश पैदा कर सकता है।

जीवाण्विक संक्रमण (Bacterial Infections) –

 स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया (स्ट्रेप थ्रोट) : स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया, विशेष रूप से ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस, स्ट्रेप थ्रोट का कारण बन सकता है, जो एक अधिक गंभीर जीवाणु संक्रमण है जिसके लिए एंटीबायोटिक उपचार की आवश्यकता होती है।

एलर्जी (Allergies) –

एलर्जी प्रतिक्रियाएं : पराग, फफूंद, पालतू जानवरों की रूसी या कुछ खाद्य पदार्थों जैसे एलर्जी के संपर्क में आने से गले में जलन और खराश हो सकती है।

पर्यावरण संबंधी परेशानियाँ (Environmental Irritants) –

धुआं: सिगरेट का धुआं या अन्य प्रदूषक तत्व गले में जलन पैदा कर सकते हैं, जिससे गले में खराश हो सकती है।

शुष्क हवा: शुष्क हवा में सांस लेने से, विशेष रूप से सर्दियों के दौरान जब इनडोर हीटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है, तो गले में सूखापन और असुविधा हो सकती है।

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) –

एसिड रिफ्लक्स : पेट का एसिड वापस अन्नप्रणाली में प्रवाहित होने से जलन हो सकती है और परिणामस्वरूप गले में खराश हो सकती है।

पोस्ट नेज़ल ड्रिप (Postnasal Drip) –

साइनस संक्रमण : साइनस संक्रमण के दौरान उत्पन्न होने वाला अतिरिक्त बलगम गले के पिछले हिस्से में टपक सकता है, जिससे जलन और खराश हो सकती है।

स्वर तनाव (Vocal Strain) –

अत्यधिक बात करना या चिल्लाना : अत्यधिक बात करने, चिल्लाने या उचित स्वर देखभाल के बिना गाने के माध्यम से स्वरयंत्र पर दबाव पड़ने से गले में खराश(sore throat) हो सकती है।

फॉरेन बॉडी (Foreign Body) –

साँस द्वारा ले जाने वाले पदार्थ : ऐसे पदार्थ जो गले में जलन पैदा कर सकते हैं, जैसे कि प्रदूषक या छोटे कण, साँस लेने या निगलने से गले में खराश(sore throat) हो सकती है।

निकटवर्ती क्षेत्रों में संक्रमण(Infections in Adjacent Areas) –

टॉन्सिलिटिस: टॉन्सिल की सूजन, जो अक्सर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है, गले में खराश पैदा कर सकती है।

पेरिटोनसिलर एब्सेस: टॉन्सिल के पास मवाद जमा होने से गले में गंभीर दर्द हो सकता है।

एचआईवी/एड्स(HIV/AIDS) –

उन्नत एचआईवी संक्रमण: उन्नत एचआईवी/एड्स के कारण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति अवसरवादी संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं जो गले में खराश का कारण बनते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion) :  

ये 10 Herbs for Sore Throat, Causes, Home Remedies जानकारी आपको निश्चित रूप से लाभ देगी। यह  जड़ी-बूटियाँ आपके गले को वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों और संक्रमण के जोखिम से बचाने में मदद करने के लिए प्रकृति का उपहार हैं। ये विभिन्न औषधीय और पोषण मूल्यों के साथ गले की देखभाल के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। इन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करने से गले को स्वस्थ और लचीला बनाने में काफी मदद मिल सकती है। तो, इंतज़ार क्यों करें? इन जड़ी-बूटियों को अपनाएं और आधुनिक जीवन की चुनौतियों के खिलाफ अपने गले को मजबूत बनाएं। निश्चित रूप से आपका गला इसके लिए आपको धन्यवाद देगा!

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Kavita Singh

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