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एचएमपीवी वायरस बनाम इम्यून सिस्टम; बूस्ट कैसे करें | युक्तियाँ और उपाय


Immunity protect us from diseases

चीन एचएमपीवी वायरस के मामले हर दिन बढ़ते जा रहे हैं। इससे भारत की चिंताएं भी बढ़ती जा रही हैं। देश में अब तक 11 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अधिकतर छोटे बच्चे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में सामने आए नए मामले में महिला की उम्र 60 साल है।

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी वायरस का खतरा मुख्य रूप से कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में है। यही कारण है कि छोटे बच्चों और बुजुर्गों में इसका संक्रमण बढ़ रहा है क्योंकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती है। जबकि उम्र बढ़ने के साथ बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है।

यह खतरा उन सभी लोगों को भी होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। जो लोग अक्सर सर्दी-बुखार से पीड़ित रहते हैं, अक्सर पेट खराब रहता है या फिर बहुत ज्यादा तनाव में रहते हैं।

  • प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे काम करती है?
  • यह किन कारणों से कमजोर हो जाता है?
  • हम इसे कैसे मजबूत रख सकते हैं?

रोग प्रतिरोधक क्षमता का विज्ञान क्या है?

जैसे सभी देशों के पास अपनी सुरक्षा के लिए अपनी सेना होती है। इसी प्रकार शरीर की रक्षा के लिये भी बड़ी सेना है। इन्हें श्वेत रक्त कोशिकाएं कहा जाता है। यह रोगज़नक़ों से लड़कर शरीर को कई बीमारियों से बचाता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली अधिकांश वायरस, बैक्टीरिया और कवक को शरीर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देती है। जब कुछ रोगज़नक़ शरीर में प्रवेश करते हैं, तो संपूर्ण प्रतिरक्षा प्रणाली उन्हें घेर लेती है और उन्हें मार देती है।

जब रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है तो ये रोगज़नक़ हावी हो जाते हैं और हमें बीमार कर देते हैं और दवाओं की ज़रूरत पड़ती है।

प्रतिरक्षा ने हमारे पूर्वजों को बचाया

पहले दिन से ही पृथ्वी पर औषधियाँ नहीं बनीं। उन दिनों भी हमारे वातावरण में कई बैक्टीरिया और वायरस थे और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली उनसे हमारी रक्षा करती थी।

जब हम बीमार होने पर दवाएँ लेते हैं तो सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि दवाएँ हमारी स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुँचाती हैं। कई बार इनके दुष्प्रभाव से नई बीमारियाँ भी उत्पन्न हो जाती हैं। इसलिए, मजबूत प्रतिरक्षा के साथ रोगजनकों और बीमारियों से लड़ना बेहतर है।

प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे और क्या काम करती है?

प्रतिरक्षा प्रणाली एक बड़ी सेना की तरह है। शरीर में मौजूद ये सेना जितनी बहादुर है, इनका दिमाग भी उतना ही तेज है। यह वायरस, बैक्टीरिया और फंगस की कमजोरियों पर हमला करके उन्हें हरा देता है। खास बात यह है कि एक बार जब इनका सामना किसी रोगाणु या बीमारी से हो जाता है तो ये उसे कभी नहीं भूलते। कैसे काम करता है हमारा इम्यून सिस्टम, देखें ग्राफिक:

 how immune system works

समझें कि इम्यून सिस्टम कमजोर हो रहा है

इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर हमारा शरीर कई संकेत देता है। अगर हम थोड़ा ध्यान दें तो इन संकेतों को समझ सकते हैं और अपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव कर सकते हैं। इससे भविष्य में बड़ी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता क्यों कमजोर हो जाती है?

बच्चों और बुजुर्गों के मामले में उम्र के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता उम्र के साथ कमजोर होती जा रही है।

वहीं, बुरी आदतों के कारण किशोरावस्था में भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है। अगर लाइफस्टाइल बहुत खराब है तो कई बार 60 साल की उम्र के बाद होने वाली बीमारियां कमजोर इम्यूनिटी के कारण 40 की उम्र में हमें घेरने लगती हैं।

ज्यादा तला-भुना खाना खाने और हर दिन 8 घंटे की नींद न लेने से इम्यून सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे और क्या कारण हैं, ग्राफिक में देखें:

reasons for low immunity

अच्छी आदतें मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता का आधार हैं

अच्छी आदतें मतलब अच्छी जीवनशैली। ब्लू जोन में लोग सिर्फ अच्छी जीवनशैली अपनाकर 100 साल से भी ज्यादा समय से बिना किसी बीमारी के जी रहे हैं। इसके लिए अपनाएं ये 5 आदतें–

  • अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छा आहार बहुत जरूरी है। इसलिए स्वस्थ और संतुलित आहार लें। इसमें मौसमी फल और ताजी हरी सब्जियां अवश्य शामिल करें। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।
  • नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, हर दिन 8 घंटे की नींद न लेने से शरीर में एंटीबॉडी कम हो जाती हैं। आमतौर पर सर्दी और खांसी के साथ होता है। इससे वायरस, बैक्टीरिया और फंगस के हमले का खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं हर दिन पर्याप्त नींद लेने से नई एंटीबॉडीज बनती हैं और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें क्योंकि बढ़ते वजन से जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको डायबिटीज या बीपी जैसी जीवनशैली से जुड़ी कोई बीमारी है, तो आप दूसरी बीमारियों का आसानी से शिकार बन जाते हैं। इसलिए वजन कम करें और कमर के आसपास चर्बी जमा न होने दें।
  • प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम करने से मांसपेशियां और तंत्रिकाएं अधिक सक्रिय हो जाती हैं। जब कोई वायरस या बैक्टीरिया हमला करता है तो हमारा शरीर तुरंत प्रतिक्रिया करता है। इससे उन्हें शरीर के बाहर रोकना या नष्ट करना आसान हो जाता है। इसलिए सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें।
  • शराब और सिगरेट हमारे इम्यून सिस्टम को बुरी तरह बर्बाद कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, शराब की हर बूंद हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा रही है। इससे कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के अनुसार, प्रत्येक सिगरेट हमारी जीवन प्रत्याशा को 20 मिनट तक कम कर रही है। धूम्रपान से निमोनिया जैसी फेफड़ों की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए शराब और सिगरेट से दूर रहें।

 


Kavita Singh

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